बीडीओ सकलडीहा का विगड़े बोल : जहाँ कुछ नहीं था यह बना रहा वहीं कम है क्या

Chandauli news : “क्या लेना-देना है उनका देश की भलाई से जो भरते हैं अपनी जेबें भ्रस्टाचार की कमाई से” शाद उदयपुरी की यह लाइने सकलडीहा बीडीओ विजय कुमार पर सटीक बैठ रही है। सकलडीहा विकास खंड के ग्राम पंचायतों के विकास कार्य के अनियमितता में इनका खुलेआम योगदान है। जिससे भ्रस्टाचार करने वालों के हौशले बुलंद है।
एडीओ से पदोन्नत होकर सकलडीहा बीडीओ के पद पर तैनात साहब का भ्रस्टाचार से गहरा नाता है। जिसके कारण मानक के विपरीत कार्य करने वालों का मनोबल सातवें आसमान पर है। कुछ हाल में ही सकलडीहा विकास खंड के रानेपुर में सेकेट्री व प्रधान की जुगलबंदी ने आधा दर्जन ऐसे कार्य को कागज पर दिखाकर सरकारी धन को डकार गये। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने बीडीओ से किया लेकिन भ्रस्टाचार के आंकठ में डूबे इस अधिकारी ने मामले को नजरअंदाज कर दिया जिसके बाद मामला सीडीओ व डीएम तक पहुंच गया। अब एडीओ पंचायत को जांच दिया गया है।
दूसरा मामला सकलडीहा विकास खंड के भोजापुर का है। जहाँ क्षेत्र पंचायत से मनरेगा पार्क का निर्माण हो रहा है। जो मानक के विपरीत घटिया सामग्री से बनाया जा रहा है, जाली हाथ से मोड़ते ही टूट जा रही है, पाथवे की वाल हो या चाहरदिवारी की नींव तीन नंबर के ईंट लगे है। गुरुवार को बीडीओ मानिटरिंग के लिए पहुंचे जहाँ घटिया कार्य का ग्रामीणों ने शिकायत किया। जो इनको काफ़ी नागवार लगा। ग्रामीण मान सिंह, कैलाश सिंह, काजू आदि ने कहा की घटिया निर्माण की शिकायत किया गया तो उसके सुधार की बजाय बीडीओ ने यह कह दिया की जो बना रहा यही क्या कम है। पहले तो ऐसे ही इसमें भैस चर रही थी। आहत ग्रामीणों के कहा की बीडीओ तो अधिकारी कम ठेकेदार ज्यादा लग रहे थे। उन्होंने वहां काम करने वाले मजदूरों से कहा की यों बाउंड्री की दीवाल है उसपर पेंट लगादो। मतलब पेंट लगने के साथ ही दोयम दर्जे की ईंट एक नंबर में परिवर्तित हो गया।