
सैम्पल रिपोर्ट में चार माह बाद आयी रिपोर्ट
Chandauli news: मिनी महानगर की प्रतिष्ठित दुकान के रूप अपने आपको लोंगो के सामने प्रस्तुत करने वाली छीर सागर व परम्परा के दुकानदार ने अपनी झोली भरने के लिए लोंगो को मीठा जहर बेचा है। इस बात की पुष्टि लगभग चार माह बाद प्रयोगशाला से मिलने वाली रिपोर्ट के बाद हुआ है।

सुस्त व भ्रस्ट विभाग के सह पर ऐसे मिलावटखोर लोंगो के सेहत के साथ खिलवाड़ करने में तनिक भी संकोच नही करते। इसके एवज में खाद्य विभाग को मुंह मांगी कीमत दे देते है। जब मामला बहुत हाईलाइट होता है तो खाद्य सुरक्षा विभाग ऐसे दुकानदारों पर सिर्फ जुर्माना लगाकर खानापूर्ति करते है।

कुछ ऐसा ही मामला मिनी महानगर में सामने आया है। जहां दीपावली के समय दोनों दुकानदार सहित कुल 90 सैम्पल प्रयोगशाला में भेजा गया था। छीर सागर से पनीर व परम्परा से काजू बर्फी की सैपपलिंग की गयी थी। लगभग चार माह बाद रिपोर्ट जो सामने आई है इसमें छीर सागर के पनीर में गाय व भैंस का फैट नही मिला। मतलब यह पनीर रिफाइन से बनी थी। वहीं रसकुंज मिष्ठान के काजू कतली की बर्फी में खोवा का अंश ही नही मिला। रिपोर्ट आने के बाद अब विभागीय कार्यवाही के नाम पर कोरमपूर्ती होती है या फिर ऐसे मिलावट खोरो के खिलाफ कार्यवाही होगी यह फिलहाल समय के गर्त में है।