आधा दर्जन नामजद के खिलाफ पीड़ित से थाने में दिलवाया तहरीर
लूट कि घटना तो हुयी नहीं लेकिन दरोगा के लूट का रास्ता हुआ तैयार
Chandauli news : सामान्य रूप में मारपीट में छिनैती कि घटना पीड़ित लिखावने थाने पहुंचता है। इसके लिए अधिवक्ता से मजमुम तैयार कर ले जाता है. जहाँ अक्सर थाने में ऐसे प्रार्थना पत्र का संशोधित करने के बाद ही तहरीर थाने पर ली जाती है। जिसमें एक एक सप्ताह का भी समय लग जाता है। कुछ जगह पर तो बकायदे सत्य घटना के बाद भी एफ़आई आर नहीं लिखा पाता। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक को हस्तक्षेप करना पड़ता है। लेकिन मुगलसराय में एक दरोगा ऐसा भी जो पुलिस के इस कार्यप्रणाली से अलग मुद्रामोचन का रास्ता अख्तियार कर लिया मारपीट में ऐसी तहरीर बनवाया जो चर्चा का विषय बन गया।

सूत्रों कि माने तो पिछले दिनों रेलवे चौकी अंतर्गत एक वार्ड में किसी बात को लेकर युवकों में झगड़ा हो गया इसमें एक पक्ष ने एक लडके लडके कि पिटाई हो गयीं। अब मामला चौकी पर पहुंच गया. जिसमें मारपीट कि तहरीर चौकी पर एक नामजद व एक अज्ञात के नाम से पड़ गयीं। लेकिन चौकी इंचार्ज ने बाकायदा दूसरी तहरीर लिखाया जिसमें 06 लोंगो का नाम लिखवा दिए। यह उनकी दरियादिली नहीं बल्कि लूट करने का सबसे सफल मार्ग था। जिन लोंगो के नाम से शिकायत पड़ी थी उम्र सभी को बुलाकर बकायदे मुद्रामोचन करने कि नियत बन गयीं थी। हलांकि दोनों पक्ष में मारपीट कि जानकारी सभासद के माध्यम से आरोपी के घरवालों को हो गयीं जहाँ परिजनों ने पीड़ित पक्ष के सामने ही अपने बेटों कि जमकर धुलाई कर दिया. अब दोनों पक्ष के बीच सभासद के माध्यम से समझौता कि स्थिति बन गयीं। ज़ब पंचायत के लिए थाने पर दोनों पक्ष पहुंचा तब दरोगा के लूट कि कहानी का पर्दाफाश हुआ।
इस संबंध में इंस्पेक्टर विजय बहादुर सिंह ने बताया कि पैसे के लेन देन कि बात सामने तो नहीं आयी। लेकिन पीड़ित का कहना है कि शिकायती पत्र लिखवाया गया था। हलांकि दोनों पक्ष में समझौता हो गया है