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मुकदमा न लिखने वाले इंस्पेक्टर भी प्रमाणपत्र से हुए सम्मानित

दूसरे जिले में एक साल से बिना चार्ज के टहलते रहे, जनपद आगमन के साथ मिला चार्ज, अब प्रमाण पत्र

महिला से छेड़खानी करने वाला भी सम्मानित

Chandauli news: 26 जनवरी पर परेड़ के बाद पुलिस विभागीय व गैर सरकारी क्षेत्र के लोंगो को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करती है। इसमें उत्कृष्ठ कार्य करने वालो को डीजी व आईजी रेंज से  गोल्ड, सिल्वर मेडल से सम्मानित कीट जाता है। वहीं जनपद स्तर पर अच्छा कार्य करने वालों को पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रमाण पत्र व मेडल से सम्मानित किया जाता है।

फोटो:  प्रमाण पत्र व पुलिस मुखिया के साथ पुलिस कर्मी

जनपद में गौ तश्करी, मादक पदार्थो को विनिष्ठ करने। गैंगेस्टर व साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के मामले में डीजीपी द्वारा पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे को गोल्ड व अपर पुलिस अधीक्षक को सिल्वर मेडल से सम्मानित किया है। वहीं जिले में कुछ ऐसे लोंगो को प्रशस्ती पत्र से सम्मानित किया गया जिनके नाम का घोषणा होते ही दर्शक दीर्घा या फिर विभागीय लोग अचंभित थे।

फोटो: पीआरओ मिथिलेश तिवारी को सम्मानित करते पुलिस अधीक्षक

सूत्रों की माने तो ऐसे लोंगो को भी प्रमाण पत्र देकर 26 जनवरी को सम्मानित किया गया जिनका स्वभाव अमर्यादित है।  इनके द्वारा यहां तक बताया जाता है  कि पीड़ितों का एफआईआर न लिखने के बाद इन्हें मालाओं से लाद दिया गया था। लेकिन एक कहावत है “अपने मुंह मिया मिठ्ठू बनना”  यह कहावत साहब पर सटीक बैठ रही है। कारण की मालाओं से लदने की डींग हांकने वाले साधब मिर्जापुर ट्रांसफर होकर जब से आमद उस जिले में कराये थे तब से पुलिस लाइन में ही ड्यूटी बजा रहे थे। लगभग एक वर्ष तक उस जिले में उनका कार्यकाल रहा लेकिन एक दिन के लिए चार्ज नही मिला।

विभागीय जुगाड़ कुछ उच्च स्तरीय अधिकारियों के यहाँ सटीक बैठ गया जिसके बाद जनपद में आगमन हो गया। यहां आते ही आरक्षण के तहत थाना के चार्ज बंटवारे में भाग्य साथ दे गया। जिसका असर हुआ कि जनपद के  मलाईदार थानों की सूची में शामिल थाने का चार्ज मिल गया। चार्ज के साथ ही बहुत काबिलियत सामने  तो नही आयी।  हलांकि मुकदमा न लिखने की कहानी उनकी जुबानी जरूर सामने आ गयी। खैर विभागीय मानक पर कहीं न कहीं यह खरे उतरे होंगे जिसके बाद प्रशस्ति पत्र में शामिल हो गए।

सुनिए मुकदमा लिखने की कहानी खुद उनके जुबानी

वहीं गैर सरकारी क्षेत्र में भी आधा दर्जन लोगों को सम्मानित किया गया। जिसमें कुछ के खिलाफ 2016 में  महिला के साथ छेडखानी का मुकदमा लिखा गया है। ऐसे लोंगो का नाम जब सामने आया तो लोग एक दूसरे की तरफ देख इसे जुगाड़ का नाम दे दिए। हलांकि आरोप के विषय मे जब पता किया गया तो पता चला कि  मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लग गया है। तब से ही काफी पकड़ हो गयी है। जिसका निर्वहन यहाँ के एक दो के साथ  होता आ रहा है।

इसके साथ ही सूत्रों की माने तो कुछ ऐसे लोगों को भी प्रमाण पत्र दिया गया जो लखनऊ के डायल 112 से निलंबित किया गया। निलंबन अवधि में ही उसका ट्रांसफर चन्दौली कर दिया गया। निलंबन अवधि में आमद कराने वाली महिला को भी सम्मानित किया गया।

इसके साथ ही सर्विलांस की मदद से अपराधियो तक पहुंचने, चौकी व थानों पर तैनाती के समय गुणवत्तापूर्ण कार्य करने वाले पुलिस कर्मी भी सम्मानित हुए। जिसमे वर्तमान पीआरओ मिथिलेश तिवारी, इंस्पेक्टर शेषधर पांडेय, चौकी प्रभारी अमित, प्रतिसार निरीक्षक रामबिलास के साथ साथ परेड ग्राउंड को तैयार करने में लगे पुलिस कर्मी सम्मानित हुए।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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