
10 करोड़ देकर महामंडलेश्वर पद पाने का लगा था आरोप
ममता कुलकर्णी ने इस्तीफा देकर कहा मैं दो अखाड़ों के बीच फंस गई
Prayagraj news: फ़िल्म जगत से सीधे अखाड़े के महामंडलेश्वर की कुर्सी पर आसन्न होते ही अखाड़ों में विवाद में फंसी ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया है। इसकी जानकारी उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया एकाउंट इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट कर सार्वजनिक की है। उन्होंने कहा, ‘किन्नर अखाड़े में मुझे लेकर विवाद खड़ा हो गया है, इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं। मैं साध्वी हूँ और हमेशा बनी रहूंगी।

महाकुंभ में कई ऐसे लोग प्रकाश में आये जो जीवन के मुकाम तक पहुंचने के बाद सीधे सन्यास का रास्ता अपना लिया। इसमें आईआईटी बाबा के रूप में रूप में सामने आए अजय सिंह , हर्षा रिछारिया व फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी सामने आयी। इसमें ममता कुलकर्णी को 24 जनवरी को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई थी। संगम में स्नान के बाद उनका पिंडदान कराया गया। इसके बाद अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डा. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनका पट्टाभिषेक कराया था।

महामंडलेश्वर के बाद नया नाम श्रीयामाई ममता नंद गिरि दिया गया था। करीब सात दिनों तक वह महाकुंभ में भी रहीं। उनके इस पद पर आसीन होने के बाद संत समाज में विवाद खड़ा हो गया। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, हिमांगी सखी आदि कई संतों ने ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर आपत्ति जताई थी।

अजय दास ने तो यहां तक कह दिया कि ‘यह कोई बिग बॉस शो नहीं है, जहां किसी को भी महामंडलेश्वर बना दिया जाए।इस पद के लिए कड़ी साधना की जरूरत होती है। लगातार विरोध का क्रम जारी रहा। जिसके कारण ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर पद से 19वें दिन ही इस्तीफा दे दिया। ऐलान कर दिया। फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी पर 10 करोड़ रुपए देकर किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर पद प्राप्त करने का आरोप लगा था। इसपर ममता कुलकर्णी ने कहा कि उनसे दो लाख रुपये मांगे गए थे। जो महामंडलेश्वर जय अंबा गिरी ने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को दिए थे।
त्याग पत्र देने से आहत ममता ने अपना दर्द रोक नही पायीं। उन्होने शोशल मीडिया पर उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि उनके महामंडलेश्वर बनने से तमाम लोगों को दिक्कत क्यों हो रही है। अखाड़े में हो रही राजनीति और मतभेदों को देख एहसास हुआ कि मुझे इससे बाहर आ जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि साध्वी के रूप में अपनी साधना जारी रखेंगी।