1 करोड़ 42 लाख रुपया बिना गाड़ी चले ही हो गया भुगतान
निर्वतमान डीएम के जांच में मिला आरोप कि हुयी थी पुष्टि
कार्यवाही न होने पर मानवाधिकार आयोग ने वर्तमान जिलाधिकारी को जारी किया रिमाइंडर

Chandauli news : बीएसए कार्यालय के भ्रस्टाचार का भूत एक बार फिर से ताबूत के बाहर आ गया है। ह्युमन राइट सी डब्लू ए आयोग ने इस संबंध में जिलाधिकारी को नोटिस तलब कराते हुए जबाब तलब किया है। आयोग का पत्र मिलते ही दीपावली कि छुट्टी में परिजनों संग पटाखा जलाने वालों के अंदर भी बम फूटने लगा है।
जिलाबेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से वित्तीय सत्र 2023-24 में अधिकारियों को शिक्षा कि गुणवत्ता सुधारने के लिए स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए सरकार पीपीपी मॉडल पर वाहन उपलब्ध करायी थी। लेकिन शिक्षा के इस मंदिर के भ्रस्ट पुजारियों ने सरकार के इस योजना को अपने आय का श्रोत बना लिया।

हुआ यह कि सभी खंड शिक्षा अधिकारियों ने गाड़ियों का कागज पर संचालन किया। हर महीने फर्जी बिल लगाकर सरकार का 1 करोड़ 42 लाख रुपया टेंडर कर्ता व पटल सहायक से मिलकर भुगतान करा लिया।

शिक्षा विभाग के इन भ्रस्ट अधिकारियों के सच्चाई का ज़ब पता लगाया गया तब संज्ञान में आया कि गाड़ी सोनभद्र में चल रही है और उसका भुगतान चंदौली और सोनभद्र दोनों जगह से हो रहा है। बकायदे खंड शिक्षा अधिकारी व जिलाध्यक्ष समन्यव्यक गाड़ियों से चकने कि बात भी सत्यापित करते थे।

मामला उजागर होने पर निर्वतमान जिलाधिकारी निखिल टी फूंडे ने पूरे मामले में तीन सदस्यीय टीम बनाते हुए इसकी जांच का काम तेज तर्रार आईएस अधिकारी/ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हर्षिका सिंह को दिया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने एक वाहन स्वामियों को नोटिस भेजकर तलब करते हुए गाड़ी विभाग में न लगने का हलफनामा लिया। जांचा के बाद कमेटी एस निर्णय पर पहुंची कि यहां ब्यापक रुप से घोटाला हुआ है। लेकिन विडंबना यह कि कार्यवाही के नाम पर कुछ भी नही हुआ। विभागीय जांच के एक वर्ष बाद भी कार्यवाही न होने पर मानवाधिकार आयोग ने जिलाधिकारी को रिमाइंडर भेजकर जबाब तलब किया है। जिसकी जानकारी होने के बाद भ्रस्टाचारियों में हड़कंप मचा है।