पीड़ित कि शिकायत पर इंस्पेक्टर ने कराया सुलहनामा
लापरवाह इंस्पेक्टर को आखिर क्यों बचा रहे है पुलिस अधीक्षक

Chandauli news : प्रदेश सरकार कि महिलाओं के प्रति जीरो टारलेंस कि नीति का सदर कोतवाली पुलिस ने हवा निकाल दिया। पुलिस कि लापरवाही से बढ़ा आक्रोश एक अलग अपराध को अंजाम दे दिया। लेकिन ऐसे लापरवाह इंस्पेक्टर व चौकी इंचार्ज पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुयी।

पिछले दिनों नेगुरा गांव में दो समुदाय के बीच मारपीट हो गयी। जिसमें एक पक्ष से एक ब्यक्ति कि मौत मारपीट को बचाने में हो गयीं। जबकि दोनों पक्ष से तीन तीन लोग ईंट पत्थर के हमले से चोटिल होकर ईलाज करा रहे है।
घटना के पीछे पुलिस अपनी करस्तानी छिपाने के लिए इसे गाड़ी खड़ी खरने को लेकर उपजा विवाद बता दी। जबकि घटना के पीछे का असली कारण कुछ और ही है।
पिछले अप्रैल माह में गांव कि लड़कियों पर छिंटाकशी करने का आरोप दो ब्यक्तियों ने आधा दर्जन युवकों के खिलाफ लगाया था। मंदिर आने जाने पर यह लोग ऐसी हरकत करते इस बात कि शिकायत डायल 112 पर भी किया।
लखनऊ से मॉनिटरिंग होने पर तत्काल मौके पर पिआरबी भी पहुंची थी। जहाँ आधार दर्जन को थाने लायी। सूत्रों का कहना है कि गंभीर आरोप के बाद पुलिस अपने हिसाब से डीलिंग शुरू कर दी। जिसका नतीजा हुआ कि छेड़खानी कि बात तो दूर 151 में भी चालान नहीं की। कार्यवाही करने की बजाय यहां बैठे जिम्मेदार ने सुलहनामा लिखवा दिया।
पुलिस के पास गंभीर आरोप के बाद आरोपी मेहमान की तरह आवभगत होकर घर पहुंच गए इसके बाद हरकतों में और भी ज्यादा बढ़ोतरी हो गई पुलिस की लापरवाही के कारण यह आक्रोश कुछ दिनों तक लोगों के बीच चला अंततः मारपीट व हत्या के रूप में परिवर्तित हो गया अब अपने कमियों को छिपाने के लिए इस तरह के घटना को साफ गोई से पुलिस इनकार कर गयी। लेकिन यह भूल गयीं की सुलह की कॉपी थाने के अलावा दोनों पक्ष को भी दिया जाता है। अब पुलिस के सामने जो सुलानामा हुआ था वह वायरल हो गया। अब देखना है कि ऐसे लापरवाह इंस्पेक्टर पर पुलिस अधीक्षक मेहरबान होते हैं या फिर कार्रवाई करते हैं, यह फिलहाल समय के गर्त में है।