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बीएसए कार्यालय के भ्र्ष्टाचार का जिन्न एक बार फिर से हुआ जिन्दा

पहले कागज पर गाड़ी दौडा कर डकार गए थे करोड़ो की धनराशि

तत्कालीन जिलाधिकारी निखिल टी फूंडे करा चुके है जांच

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की जांच में उजागर हो चुका है भ्र्ष्टाचार


Chandauli news : “गड़बड़ है रे बाबा, यहां सब कुछ गड़बड़ है “ परेश रावल ने हेराफेरी फ़िल्म में डायलॉग पब्लिक के मनोरंजन के लिए बोले थे। लेकिन फ़िल्म का यह डायलॉग भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे शिक्षा विभाग पर सटीक बैठ रही है। पहले भी यह विभाग कागज पर गाड़ी दौडाकर करोड़ों रुपया डकार चुका है। जिसकी जाँच तत्कालीन जिलाधिकारी निखिल टी फूंडे ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हर्षिका सिंह से करा चुके हैं।
बेसिक विभाग की जड़ भ्रष्टाचार की मिट्टी में इस कदर फ़ैल गई है कि यह एक विशालकाय पेड़ बन गया है। भ्रष्टाचार के इस विशालकाय पेड़ की टहनियों को काटने के लिए जाँच रूपी आरा भी चला। लेकिन यह जांच, मानो पेड़ की छंटाई करने के बाद जैसे उसका विस्तार होता है वैसे यहां भ्रष्टाचार का विस्तार हो गया।
सूत्रों की माने तो इस बार फिर से भ्रष्टाचार हुआ है। इस बार भी वाहन चलाने के नाम पर धन की बंदरबांट हुई है। इस बार पुस्तक ढोने के नाम पर भ्र्ष्टाचार हुआ है।

यह है मामला: सर्व शिक्षा अभियान के तहत पाठ्य पुस्तक ढोने के नाम पर भ्रष्टाचार हुआ है। विद्यालय पर पुस्तक पहुंचाने के लिए 15 लाख का टेंडर हुआ। लेकिन ज्यादातर विद्यालयों पर पुस्तक नहीं पहुंची। समय से किताबें पहुँचनी चाहिए। सूत्रों की माने तो किताबें बीआरसी या संकुल पर पहुंचाई जाती हैं। उसके बाद स्कूलों को बीआरसी या संकुल से उठाने का संदेश पहुंचा दिया जाता है। ऐसे में जिला बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा खेल खेला जाता है। हालांकि यह नया नहीं है।सहायक पटल व ठेकेदार का गठजोड़ हमेशा से चला आ रहा है। अब प्रधानाध्यापक की मजबूरी है कि वह अपने स्कूल की किताब बीआरसी से मंगवाए।

क्या कहते है अधिकारी : इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार का कहना है कि पाठ्य पुस्तक विद्यालय और पहुंचाने का नियम है। उसके लिए ट्रांसपोर्टर को पैसा दिया जाता है। संकुल तक पुस्तक पहुंचाया जा रहा है। वहाँ से प्रधानाध्यापक अपने व्यवस्था से पुस्तक ले जा रहे है. इसकी जानकारी नहीं है। ऐसा है तो यह गलत है. इसकी जाँच कराई जाएगी। फर्म का भुगतान भी रोका जायेगा।

आगे पढ़े : पाठ्य पुस्तक ढुलाई के गणित का खेल पार्ट :2

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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