3500₹ में जारी हो रहा लाइसेंस, अधिकारियो के इशारे पर फल फूल रहा धंधा

Chandauli news : ” असलहा चलाने आता नहीं, तोप का लाइसेंस ” कुछ इसी अंदाज में भ्रस्टाचार का दुकान चलाने वाले बिना प्रशिक्षुओं को बाँट रहे लाइसेंस। यह खेल एआरटीओ के मिली भगत से जनपद में फल फूल रहा है। उनके सह पर कार्यालय के बाहर खुले दुकानों पर दलालों का जमावडा रहता है। जो लाइसेंस बनवाने के लिए पहुंचने वालों का शोषण करते है।
प्रदेश सरकार कहने को तो जीरो टारलेंस के तहत लाइसेंस के प्रक्रिया को अब ऑनलाइन ब्यवस्था का रुओ दे दी है। जिसके तहत कोई भी अभ्यर्थी लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. उसके बाद यहां से एक तिथि निर्धारित होंगी। उस दिन अभ्यर्थी को जाना होता है. लेकिन यह केवल कागजी कॉर्मपूर्ति है.
सच्चाई कुछ और ही है. यहां सरकारी सिस्टम से लाइसेंस बनावाने वालों को इतनी सहजता से लाइसेंस मिलने कि उम्मीद नहीं रहती। विभाग द्वारा इतना दौड़ा दिया जाता है इससे सरलता से लोग तोप का लाइसेंस करा लेंगे। यह लिए लिया जाता है जिससे उनके शुभचिंतक दलाल कि दुकान और भ्रस्ट अधिकारी कि कमाई में कोई बाधा उतपन्न न हो पाए। लाइसेन्स के लिए परेशान अभ्यर्थी जैसे ही इनके सिस्टम में आते है फिर क्या ही पूछना. साईकिल भी चलाने कि हुनर न हो लेकिन इन्हे कार चलाने का लाइसेंस बहुत ही आसानी से मिल जाती है। इसका खुलासा एक वीडियो से साफ तौर पर देखा जा सकता है.