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शारीरिक शोषण कि शिकार करने गयीं फरियाद तो साहब ने सीखा दिया “बीएनएस”कि परिभाषा

साहब के अनुसार मुंबई में बने संबंध तो मुकदमा भी मुंबई पुलिस ही लिखेगी

लड़की कि स्थिति न…  “धो.. का कु.. घर का न घाट का”




Chandauli news : अवैध शराब व गांजा कि बिक्री में लगाम लगाने में विफल सकलडीहा पुलिस कि महिला अपराध पर गजब का फिलास्पी है। शादी के नाम पर शोषण कि शिकार युवती को बीएनएस कि धारा पढ़ा दी। अब युवती न अपने घर जा पा रही और न ही ससुराल।


जौनपुर कि एक युवती ने सलेमपुर के युवक पर  शादी के नाम पर चार साल तक शारीरिक शोषण करने का आरोप  लगाते हुए सकलडीहा पुलिस को एक तहरीर दी। इधर पुलिस पहले से ही अपनने पल्ले से ऐसे मामले को फेंकने में माहिर उसने लड़की को ढेढावल चौकी भेज दिया। यहां पहुंची पीड़िता ने ज़ब आपबीती सुनाई तो चौकी इंचार्ज ने उसे भारतीय नागरिक संहिता कि पूरी धारा पढ़ा दिया। चौकी इंचार्ज क अनुसार लड़की अपने साथ हुए शोषण कि शिकायत मया नगरी में करे।


जौपुर कि रहने वाली युवती का आरोप है लेमपुर के लडके से प्यार करती थी। यह सभी चार साल तक मुंबई में रहे। लेकिन कोविड कल में युवक सलेमपुर आ गया। ज़ब लड़की ने शादी कि बात कि तो यह इंकार कर गया। परिजन लड़की कि शादी दूसरे जगह कर दिए। जिसके बाद लडके ने आपत्तिजनक फोटो उसके पति के नंबर पर भेजनें लगा। जिसके कारण दोनों में छुट्टी छुट्टा हो गया।
ऐसे मे  लड़की फिर अपने प्रेमी से सपर्क करने लगी। घर वाले भी उसे निकाल दिया। अब सलेमपुर पहुंची तो प्रेमी ने इंकार कर दिया। इसके बाद पीड़िता थाने पहुंची थाना चौकी पर भेज दिया। चौकी इंचार्ज ने घटना मुंबई का बताकर उसे वहाँ जाकर एफ़ाइआर कराने का सलाह देने लगी। आखिर लड़की कि स्थिति वही धो.. क.. कु..घर का न घाट का हो गया।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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One Comment

  1. अत्यंत दुखद है यह सब देखना और सुनना। अंग्रेजी राज के 1861 के पुलिस अधिनियम के तहत तत्कालीन नॉन मेट्रिक और कुछ मेट्रिक पास थानेदारों को इतने अधिकार दिए गए कि वह दोधारी तलवार हो गई।जो डर था वही हुआ।तब क्रांतिकारियों पर जुल्म ढाने वाली पुलिस अब इस आजाद मुल्क की जनता पर ही जुल्म ढाने लगी।मात्र एक साल में सीमित कानूनी ज्ञान की शिक्षा और प्रोमोटेड सिपाही अपने सीनियरों के तहत थाना के मुंशी ,दीवान रह कर ही काम /कानून सीखते गए। अब इनकी कितनी समझ होगी।ऊपर से जवाबदेही का अभाव, कोढ़ में खाज बन गई हैं।कितनी अज्ञानता की बात कर रहा है यह चौकी प्रभारी।जब कि निरंतर आदेशों के ,संशोधनों के आधार पर अब एफ आई आर कहीं भी होगी,कभी भी होगी और संबंधित थाने को ट्रांसफर होगी।ऐसे लापरवाह,भ्रष्ट अफसर को तत्काल सस्पेंड कर पुनः ट्रेनिंग के लिए भेजा जाना चाहिए।

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