मुख्यालय स्थित वेदांता हॉस्पिटल का मामला जिलाधिकारी से मिलकर पीड़ित ने लगायी गुहार

Chandauli news : नीम हकीम खतरे जान… वाली स्थिति हो गयी निजी चिकित्सालय कि। पहले नीम हकीम एक झोपडी में ईलाज करते थे। ट्रेंड बदला हकीम कि जगह अब शीशे का हॉस्पिटल बन गया लेकिन ईलाज का ट्रेंड वही है। यहां वही कहावत वर मरे या कन्या….।

कुछ ऐसा ही मामला सोमवार को जिलाधिकारी के यहां पहुंचे इलिया के धनरिया गांव निवासी राजेश पाण्डेय ने अपनी समस्या से ज़ब अवगत कराया तब जिले के वेदांता अस्पताल का राज सामने आया। पीड़ित ने बताया कि जुलाई 2024 में पेट के दाईं ओर अत्यधिक दर्द हुआ। इस पर मैंने वेदान्ता हॉस्पिटल चंदौली के प्रबंधक राम प्रकाश उपाध्याय (मोबाइल: 9415286726) से संपर्क किया।

उन्होंने आश्वासन दिया कि उनके छोटे भाई डा० वेद प्रकाश उपाध्याय (मोबाइल: 9452808837) द्वारा ही इलाज किया जाएगा। राम प्रकाश उपाध्याय के कहने पर मैं वेदान्ता हॉस्पिटल चंदौली में भर्ती हुआ। अल्ट्रासाउंड जांच में पित की थैली में पथरी पाई गई और डॉ. वेद प्रकाश ने ऑपरेशन की सलाह दी। अगस्त 2024 में ऑपरेशन हुआ, जो लगभग दो घंटे चला। ऑपरेशन के तुरंत बाद से ही पेट में अत्यधिक दर्द बना रहा और ड्रेन से लगातार पित का रिसाव होता रहा। ज़ब इसकी शिकायत डॉक्टर ने बार-बार इसे सामान्य बताया और इलाज में लापरवाही बरती। स्थिति बिगड़ने पर मुझे अन्य अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ा।

Apex हॉस्पिटल वाराणसी BHU वाराणसी में डॉ. मुमताज अंसारी से इलाज करवाया। इन सभी जगहों पर विशेषज्ञों ने स्पष्ट रूप से बताया कि मेरी कॉमन बाइल डक्ट (CBD) ऑपरेशन के दौरान काट दी गई थी।

जिसे जानबूझकर छिपाया गया। कई बार स्टेंट डालने का प्रयास किया गया, परंतु स्थिति नहीं सुधरी। M.R.C.P. जांच में CBD में कटाव व सिकुड़न की पुष्टि हुई। लगभग 48 दिन तक ड्रेन से पित्त का रिसाव हुआ और मुझे ICU में भर्ती कराना पड़ा। डा० वेद प्रकाश उपाध्याय द्वारा शल्य चिकित्सा में घोर लापरवाही, CBD काटने के बाद सच्चाई छिपाई गयी।
जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लेकर कार्यवाही का भरोसा दिया।