भारत संस्कृति व सनातन का देश, परम्पराओं का ज्ञान जरूरी :. डायरेक्टर

Chandauli news : सूर्योपासना का पर्व छठ का महापर्व का शुभारम्भ बिहार से हुआ था। लेकिन यह पर्व देश दुनिया का महापर्व हो गया। पूरी दुनिया को ऊर्जा का श्रोत देने वाले भगवान सूर्य के चार दिवसीय त्यौहार के विषय में स्कूलों में भी इसकी महत्ता बतायी गयी।

शनिवार के दिन बृजनंदिनी ग्रुप ऑफ कालेज में छठ पर्व का आयोजन किया गया। जिसमें बारहवीं के छात्राओं ने सूर्य उपासना के इस पर्व को बनाया। तालाब में पीले रंग कि साड़ी पहने हाथ में हल्दी व चावल के अपरन लगाकर हाथों में फलों से भरा सूप लेकर भगवान सूर्य का उपासना कीं।

इस दौरान चेयरमैन बिरजू अग्रहरि ने कह कि छठ महापर्व सूर्य उपासना का त्योहार है, जो प्रकृति, जल और जीवन के संतुलन का प्रतीक है। इस पर्व में भगवान भास्कर और छठ मइया की पूजा कर उनके आशीर्वाद से परिवार के सुख, समृद्धि और संतति की मंगल कामना की जाती है। यह पर्व अनुशासन, शुद्धता, और आत्मसंयम का अद्भुत उदाहरण है, जो भारतीय लोकजीवन की आत्मा को प्रतिबिंबित करता है।
उन्होंने कहा कि छठ महापर्व भारतीय संस्कृति का वह पर्व है जो हमें प्रकृति के प्रति आभार, संयम और समर्पण का संदेश देता है। विद्यालय में ऐसे आयोजन बच्चों में भारतीय परंपराओं के प्रति सम्मान और समाज से जुड़ाव की भावना विकसित करते हैं।
विद्यालय के विद्यार्थियों ने लोकगीत, नृत्य, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ एवं छठ पूजा की पारंपरिक झांकी प्रस्तुत की, जिससे पूरा परिसर भक्तिमय वातावरण में डूब गया। दीपों की जगमगाहट और रंगोली की सजावट ने परिसर को दिव्यता से आलोकित कर दिया। इस अवसर पर प्रिंस पाल, राजीव सिंह, अंजलि, रमेश गगन, नमिता श्रीवास्तव, विधु मिश्र, अजय, पी के सिंह, संजीव, संदीप, संध्या रानी ब्रह्म, प्रियलिका दुबे, अल्पना जायसवाल, सुषमा पांडेय आदि लोग उपस्थित रहे।