एसओजी व मुगलसराय पुलिस को मिली कामयाबी
घटना में नामजद 09अभियुक्त पहले जा चुके है जेल

Chandauli news: जुलाई माह में मुगलसराय के धरना गांव निवासी जिम संचालक अरविन्द यादव की हत्या में शामिल दो अन्य नामजद अपराधियों को मय असलहा के साथ पुलिए पकड़ जेल भेज दिया। पुलिस पकड़ में आये दोनों अपराधी असलहा का सप्लाई करते है। अरविन्द के हत्या के बाद पुलिस ने दोनों के उपर 50-50.का ईनाम घोषित कराया था।
रविवार को पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने बताया की अरविन्द के हत्या में शामिल 09 लोंगो को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर ली है। दो अपराधी घटना के दिन वहाँ उपस्थित थे जिनकी पहचान हुई थी।
घटना के बाद एसओजी की टीम लगी थी लेकिन सफलता नहीं मिल पायी थी। उधर सैयदाराज व कंदवा के मामले में टीम सक्रिय थी इसी दौरान मुखबीर से सूचना मिली की दो संदिग्ध ब्यक्ति जी टीआर ब्रीज पर टहल रहे है। मुखबीर की सूचना पर टीम सक्रिय हुयी दोनों को गिरफ्तार कर ली. इन सभी का ज़ब बैग चेक हुआ तो पुलिस के कान खडे हो गये।
अभियुक्तों के बैग से आधा दर्जन असलहा, जिन्दा कारतूस मिला। कड़ाई से पुछताछ करने पर एक ने अपना नाम रोहित व दूसरे ने रोशन बताया। यह सब अरविन्द के हत्या में शामिल होने की बात स्वीकार किये। रोहित ने बताया की रोशन यादव से उसकी दोस्ती काशी विद्यापीठ वाराणसी कालेज में कई वर्ष पहले छात्रसंघ के चुनाव में हुई थी। तब से में और रोशन यादव दोस्त हो गये थे तथा वर्ष 2022 में थे एक ट्रक लूट व ट्रक के ड्राइवर व खलासी की हत्या के जुर्म मे चौकाघाट वाराणसी जेल में बन्द था। बृजेश यादव उर्फ बाबा यादव के कहने पर मै रोशन यादव को अपने साथ लेकर अरविन्द के घर जान से मारने की नियत से गया था वहा पर हम लोगो से बृजेश यादव के अलावा कल्लू यादव, रोहित यादव, काजू यादव अपने अन्य साथी के साथ मिले तथा सभी लोग अरविन्द यादव के घर पर गये अपने घर पर अरविन्द नहीं मिले तो सभी लोग उसके जिम पर गये जहा पर अरविन्द मिले थोड़ी देर बाद विवाद के बाद उसकी गोली मारकर हत्या करने के बाद हम सभी लोग अलग अलग बाहर भाग गये थे।