मुगलसराय थाने में संबद्ध महिला कांस्टेबल कि ड्यूटी लगाने से हंफाते है अधिकारी

Chandauli news : “खुदा मेहराबान तो गधा भी पहलवान” यह कहावत पुलिस विभाग में सटीक बैठती है. जहाँ जुगाड़ है तो नौकरी इतनी सहजता से कत जाएगी जिसका अंदाजा भी नहीं होगा। अन्यथा मुल्ज़िम ड्यूटी से लेकर न्यायालय तो कही वीआईपी ड्यूटी भी लगायी जा सकती है। यहीं नहीं कांस्टेबल है तो सिआर भी छह माह के लिए छठ सकता है। लेकिन जुगाड़ है तो फिर यह सब ड्यूटी कोई नहीं करेगा।

जिले में ऐसे जुगाड़ वाले तो एक दो लोग होंगे जिनकी ड्यूटी नहीं लगी होगी। कुछ ऐसे जुगाड़ डॉट काम वाले है जो चंदौली में पोस्टिंग और संबद्ध किसी बड़े अधिकारी के यहां होंगे। लेकिन जिले में एक महिला कांस्टेबल जिसकी नियुक्ति कुशीनगर लेकिन संबद्ध चंदौली में है। वह भी मुगलसराय थाने पर पिछले तीन चार वर्ष से। सूत्रों कि माने तो महिला कांस्टेबल का कनेक्शन उच्च स्तर पर है। जिसके डर से पुलिस ऑफिस का एक एक कर्मचारी हांफता है। सूत्रों कि माने तो थाना प्रभारी चाहे जो भी रहा उसके प्रभाव से कोई ड्यूटी के प्रति इसे रोक टोक करने कि जहमत नहीं उठाया।
सूत्रों कि माने तो महिला कांस्टेबल कि मजबूत पकड़ का अंदाजा इस बात से लग सकता है कि एक बार इसकी ड्यूटी किसी कारण से लग गयी। जिसके बाद जो तांडव हुआ उससे हर किसी को इसका नाम जुबान पर याद है। जबकि तीन वर्षो से थाने पर रहने वालों को पिछले दिनों पुलिस अधीक्षक ने एक थाने से दूसरे थाने भेज दिया. लेकिन उक्त महिला कांस्टेबल के ट्रांसफर के विषय में कोई सोच भी नहीं सकता।