छेड़खानी पर कार्यवाही करने कि बजाय आरोपियों को पैसा लेकर छोड़ने का आरोप
पुलिस के लापरवाही कि क़ीमत एक ब्यक्ति कि जान व ख़ूनी संघर्ष से चुकानी पड़ी
एक सप्ताह बाद दूसरे पक्ष कि तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा
लापरवाह व भ्रस्ट इंस्पेक्टर पर कार्यवाही न होना बना चर्चा का विषय

Chandauli news : सदर कोतवाल के मुकदमा न लिखने का अकड़पन व दूसरे पक्ष से समझौता के नाम पर पैसा लेने पराकाष्ठा कि क़ीमत नेगुरा में दो समुदाय ने ख़ूनी संघर्ष के साथ साथ एक जान गवां कर चुकानी पड़ी। मामले कि जानकारी क्व बाद अब हिन्दू पक्ष भी पैरवी में कूद गया। स्थिति यह हो गयी कि पहले जिसे आरोपी बनाया अब उसके पक्ष से भी मुकदमा करना पड़ा।

26 अप्रैल को नेगुरा में मंदिर जाते समय एक समुदाय द्वारा लड़कियों पर फब्ती कसने का आरोप लगाते हुए एक प्रार्थना पत्र दिया। जिसपर पुलिस कार्यवाही करने कि बजाय छः लोंगो से सुलह समझौता करा दिया। सूत्रों कि माने तो पुलिस ने इसे समुदाय का झगड़ा होने जैसी कार्यवाही का डर दिखाकर आरोपियों से मुद्रा मोचन किया गया था। लेकिन इन्हे क्या पता था कि जिस कार्यवाही का डर समझाकर पैसा लिया जा था है भविष्य में इसी घटना पर उन्हें दो चार होना होगा।

छेड़खानी के मामले में समझौता होने के बाद बढ़ती हरकत से यह आक्रोश बढ़ता गया। स्थिति यह हुआ कि ख़ूनी संघर्ष व हत्या का रुप ले लिया। अब पुलिस पहले से ही पैसा कहा चुकी थी वहीं हत्या होव के कारण पूरे तन मन के साथ दूसरे वर्ग के साथ ख़डी दिखी। वही सपा व कांग्रेस ने घटना पर राजनीति शुरू कर दिया। घटना के चार दिन बाद इंस्पेक्टर के कारनामें उजागर हुआ. जिसमें हत्या के कारण का पर्दा उठा तब अब भाजपा ने भी इसे हाथो हाथ ले लिए। गुरुवार के दिन सदर व चकिया विधायक के साथ साथ अन्य नेता अब दुसरे पक्ष के साथ हो लिए। एक सप्ताह बाद दूसरे पक्ष से घायल लोंगो का मेडिकल कराया गया। वहीं मारपीट व अन्य धारा में मुकदमा पंजीकृत हुआ। लापरवाही व भ्रस्टाचार के कारण पुलिस कि छवि ख़राब होने वाले को अभी भी बचाने कि भरपूर कोशिश सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।