
जमीनी विवाद में साम्प्रदायिक दंगे की स्थिति, पहले जेल भेजने का आदेश फिर आधे रास्ते से अपने ही फैसले को किया निरस्त
Chandauli news: जमीन विवाद या किसी अन्य छोटे मोटे मामले में पुलिस धारा 151में चालान कर दी तो। इसमें जेल जाने व न जाने की स्थिति बरकरार है। लेकिन पैसा या प्रभाव दोनों से मजबूत है तो जेल जाने के आदेश को भी पलटा जा सकता है। जी हां यह सुनने में जितना सत्य है उतना ही सत्य ब्यवहारिक भी है।

कुछ ऐसा ही मामला चकियां में हुआ। जब जमीन के विवाद में मामला इस कदर बढ़ गया कि यह सामप्रदायिक दंगे का रुप लेने लगा। इसमें पुलिस ने दोनों पक्ष से कुल तीन लोंगो के खिलाफ धारा 151 में चालान करते हुए जेल भेजने के लिए एसडीएम न्यायालय में रिपोर्ट दे दिया।

पहले तो मामले के गम्भीरता को देखते हुए दोनों पक्ष के तीनों ब्यक्ति को 06- 06 दिन के लिए जेल भेजे जाने की संस्तुति कर दी गयी। एसडीएम कोर्ट से जमानत न मिलने पर पुलिस चौकाघाट जेल में दाखिल कराने के लिए भी निकल पड़ी। लेकिन इसके बाद यहां किस हिसाब से जुगाड़ डॉट कॉम से खाया की पुलिस को आधे रास्ते से अपने वाहन को रोककर पुनः चकियां वापस आना पड़ा। इसके बाद एक पक्ष के अरुण श्रीवास्तव के जमानत को मंजूर करते हुए उसे वहीं जमानत दे दिया गया। जबकि दूसरे पक्ष के दोनों भाई को 06 दिन के जेल भेज दिया गया।

एसडीएम के इस कार्यप्रणाली का चर्चा चकिया तहसील में जोर शोर से है। कुछ का कहना है कि पैसों के लेन देन में आदेश को पलटा गया है। जबकि कुछ लोंगो का मानना है कि किसी माननीय के दबाव में यह निर्णय हुआ है। खैर स्थिति परिस्थिति जो भी रहा हो लेकिन जेल भेजने के आदेश को तत्काल निरस्त होना अपने आप में एक ऐतिहासिक पहलू है।