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गौ तश्करी मामले मे पुलिस व तस्कर के बीच कड़ी का काम कर रहे पूर्व मंडलध्यक्ष व तथाकथित पत्रकार

गाय को छुड़ाने के लिए 1 लाख मे हुयी डीलिंग, मामला उजागर होने पर पुलिस ने चालान कर मामले से झाड़ा पल्ला

गाय का चालान होते ही तूल पकड़ा मामला, वापस करना पड़ा पैसा




Chandauli news : शासन सत्ता में पद मिलने के बाद पुलिस दरोगा व बड़े अधिकारियों से जान पहचान हो जाती है। पहले जहां होमगार्ड भी भाव नहीं देता वहाँ थानेदार कुर्सी से खड़ा होकर आवभगत करने लगते है। कुछ लोग इस प्रतिष्ठा को बचाने में अपना सम्मान तो कुछ इस प्रतिष्ठा को लक्ष्मी आगमन का रास्ता समझ लेते है।


कुछ ऐसा ही मामला पिछले दिनों अलीनगर में घटित हुयी। पुलिस अधीक्षक के गौ तश्करी पर सख्त हु। इससे  अब उन सभी के लिए शामत हो गया है जो इसके पूर्वक बेरोकटोक धड़ल्ले से अपने गंतव्य को जा रहे थे। इब ऐसे मामले में रोक टोक होने लगा है। जिससे पहले के अपेक्षा  वर्तमान में परेशानी बढ़ी है। ऐसे में “आपदा को अवसर ” में बदलने वाले प्रधानमंत्री के वक्तव्य को एक पूर्व मंडल अध्यक्ष ने लागु करते हुए आज कल पुलिस व गौ तश्कर के बीच कि कड़ी बने हुए है।

इस सिण्डिकेट में कुछ तथाकथित चौथे स्तम्भ से जुड़े लोग भी शामिल है। जिसका खुलासा मंगलवार को हुआ है।
अलीनगऱ पुलिस एक पिकप को रोकी जिसमें गाय लड़ी थी। हलांकि यह गाय पशुपालक कि थी। पुलिस के पीकप पकडे जाने से पशुपालक व वाहन स्वामी दोनों परेशान हो गए। ऐसे में थाने के बाहर निश्चित स्थान जहाँ महिला थाना व अलीनगर के कैम्प कार्यालय के लिए चर्चित स्थान पर डीलिंग शुरू हो गयी।
सूत्रों कि माने तो मामला 1 लाख में तय हुआ। अब इतनी बड़ी धनराशि तो कोई साथ लेकर चल नहीं रहा। ऐसे में कोविड काल के समय से बैकिंग सुविधा को आसान करने का जो नया फार्मूला डिलीजिटल लेन देन है इसका सहारा लिया गया। अब इतनी बड़ी धनराशि का जबाब कौन देगा तो इसके लिए तिस्मार खां बने तथाकथित पत्रकार ने अपने खाते में मंगा लिया। अब लेन देन डिजिटल हो गया। जिसका रिकार्ड भी हो गया। इसी बीच इस लेन देन के मामले के आवरण में सुराग हो गया। बात बाहर आ गया। बात आगे पहुंचती इसके पहले अपने दामन से दाग छुड़ाने के लिए पुलिस ने गाय व वाहन का चालान कर दिया।


पैसा के बाद भी गाय का चालान होने के बाद पशुपालक परेशान हो गया। पशुपालक का कहना था कि गाय एक दो दिन में बच्चा देने वाली है। हुआ भी यहीं थाना परिसर में ही गाय ने बच्चे को जन्म दे दिया। इससे मामला और पेचीदा हो गया। मामला उच्च स्तरीय तूल पकड़ने लगा। हलांकि इसी बीच 90 हजार तो वापस हो गया  10 हजार रुपया व गाय के लिए अभी भी जंग जारी है।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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