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मिशन “शक्ति”,एंटीरोमियो दस्ता की निकल गयी हवा, पीजी कालेज में सरेआम बीए की छात्रा से छेड़खानी

कालेज के बाद रास्ते में मनबढ़ ने किया जबरदस्ती

Chandauli news: एंटी रोमियो व शक्ति दीदी कार्यक्रम के तहत लोंगो को जागरूक व कार्यवाही करने का ढिंढोरा पीटने वाली पुलिस के सख्ती का हवा निकल गया। सकलडीहा पीजी कालेज के भरे कैम्पस में एक युवती से मनबढ़ युवक ने न केवल छेड़खानी किया बल्कि जान से मारने की धमकी व गाली गलौज भी किया। यहिं तक उसने नही रुका बल्कि रास्ते में पुनः युवती के साथ जबरदस्ती किया। किसी तरह से डरी सहमी घर पहुंची युवती ने आपबीती परिजन को बतायी। इसके बाद कोतवाली पहुंचकर लिखित शिकायत भी किया। लेकिन पुलिस जांच कर कार्यवाही करने का वही घिसी पिटी आश्वासन देकर परिजनों को घर भेज दिया।

प्रदेश सरकार छेड़खानी व दुष्कर्म करने वालों पर भले ही गम्भीर हो। यहाँ तक कि उनके गम्भीरता पर पुलिस नारी शशक्तिकरण, एंटीरोमियो आदि जैसे कार्यक्रम कर फाइलों को मोटी कर रही है। लेकिन इसका असर दिख नही रहा। जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के कालेज गेट पर दर्जनों मजनू अपना बसेरा बनाये रहते है।

अभी बीएचयू में मंगलवार को कैम्पस में घूम रही छात्रा का मनबढ़ों ने कपड़ा उतरवाया तो बुधवार को सकलडीहा पीजी कालेज के कैंपस में घुसकर बीए की छात्रा से छेड़खानी करने लगा। कालेज में इस तरह की हरकत की जानकारी के बाद आधे घण्टे के बाद मौके पर पहुंचे कालेज प्रशासन ने इसका विरोध कर लड़की को शोहदे से मुक्त कराया। इसके बाद वह गालियों का बौछार करता हुआ निकल गया। डरी सहमी छात्रा पूरे दिन कालेज में बैठी रही लेकिन लापरवाह कालेज प्रशासन कालेज समाप्त होने के बाद छात्रा को अकेले छोड़ दिया। जहाँ घर जाते समय रास्ते में फिर उसके साथ उस तरह की घटना घटित हुई।

सोहदे के चंगुल से छूट कर हिम्मत दिखाते हुए अपने गांव विशुनपुरा पहुंची जहाँ परिजनों से आपबीती सुनाई। आक्रोशित परिजन नियम कानून को हाथ में लेने की बजाय न्याय के लिए कोतवाली पहुंची। जहां अपने गांव के ही लड़के की इस करतूत का लिखित शिकायत की। लेकिन पुलिस तो साहब पुलिस ही है। उसने अपनी वही कार्यवाही करने की घिसी पीटी आश्वाशन से परिजनों का पेट भर उन्हें वापस कर दी।

शोहदों की जमात से भरा रहता है कालेज के फील्ड

सकलडीहा पीजी कालेज में पढ़ने वाले बच्चों को परिचय पत्र एडमिशन के समय दिया जाता है। लेकिन प्राक्टोरियल बोर्ड कभी इस पर शख्ती नही दिखता। इसके पीछे पूर्व में कालेज के प्राचार्य यहां के प्रबंधन के कृपा पर बनते थे। प्राक्टोरियल बोर्ड व प्राचार्य के बीच हमेशा शीतयुद्ध रहता था। लेकिन वर्तमान समय में कालेज को शासन से स्थायी प्राचार्य मिल गए है। जबकि प्रबंधन का कार्य भी जिलाधिकारी के रूप में डीआईओएस देख रहें। इसके बाद भी इस तरह की अराजकता बरकरार है।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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