
एसडीएम न्यायिक कोर्ट ने सुनाया फैसला, मचा हड़कंप
Chandauli news: सकलडीहा तहसील प्रशासन के मिली भगत से रॉयल ताल के 167 एकड़ जमीन को अपने नाम कराकर कब्जा करने वालों पर जिला प्रशासन का बुलडोजर चलेगा। इसका फैसला एसडीएम न्यायिक कोर्ट ने सुना दिया है। इसकी जानकारी होने के बाद कब्जेधारियों पर हड़कम्प मचा हुआ है।
सकलडीहा तहसील के दिघवत, पनदेउरा फेसुडा गांव के ताल में 167 एकड़ जमीन 1956 व 1959 फसली में रॉयल ताल के नाम से दर्ज है। जिसे स्थानीय लोंगो ने तहसील प्रशासन की मदद से उक्त जमीन को अपने नाम दर्ज करा लिया। कुछ अपना घर तो कुछ खेती शुरू कर दिए। वही कुछ ने दूसरे को बेच दिए।
वहीं वर्ष 2014 के आस पास उक्त जमीन को जिला जेल के लिए जिला प्रशासन ने प्रस्तावित किया। जिसे बिना किसी दबाव के किसानों ने सहमति दे दिया। जिला प्रशासन ने भी बिना तथ्यों का जांच पड़ताल किये सरकारी मुआवजा भी बांट दिया। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब बबलू पांडेय ने जिला प्रशासन के इस निर्णय का उच्च न्यायालय में चुनौती दे दिया। इसके बाद हरकत में आयी प्रशासन ने सरकार बनाम विश्वनाथ व अन्य के खिलाफ एसडीएम कोर्ट में सुनवाई शुरू किया।
जिस पर एसडीएम अनुपम मिश्रा ने न्यायिक कोर्ट से सभी कब्जेधारियों के खिलाफ आदेश जारी करते हुए रॉयल ताल के नाम से जमीन को खतौनी में दर्ज करने का फैसला सुनाया। इसके बाद तत्काल बाद उक्त जमीन को रायल ताल के नाम से दर्ज किया गया। अब कब्जेधारियों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी शुरू हो गयी है।

क्या कहते है अधिकारी:
इस सम्बंध में जिलाधिकारी निखिल फूंडे का कहना है कि रायल ताल के नाम से जमीन को खतौनी पर दर्ज हो गया है। इसमें जिन लोंगो को मुआवजा दिया गया है उनसे रिकवरी के लिए नोटिस दी गयी है। इसके साथ ही कुछ जमीन जो कब्जेधारियों से मुक्त भी कराया गया है। जिसने लोंगो ने अभी जमीन से अतिक्रमण नही हटाया है। उनके खिलाफ अभियान चला कर सरकारी जमीन को खाली कराया जाएगा। इसके साथ ही मुआवजा के राशि की वसूली भी कराई जाएगी। सम्बंधित लापरवाह अधिकारी के खिलाफ भी शासन में लिखापढ़ी की जा रही है।