
घटना की सूचना पर पहुंची थी डायल 112, इंस्पेक्टर ने घटना से किया इंकार
Chandauli news: रात्रि में मधुबन प्रधान के पुत्र को कुछ मनबढो ने शिवगढ़ बर्थरा ताल में रास्ता रोककर गाली गलौज किया। यहां तक कि प्रधान पुत्र ने कहा कि लोंगो ने असलहा सटाकर धमकाया भी। घटना की सूचना डायल 112 पर दिया। जिसके बाद पहुंची पेंथर ने लिखापढ़ी भी किया। लेकिन घटना के 15 घण्टे तक कोतवाली पुलिस मामले को टहलाती रही। यहां तक कि इंस्पेक्टर अपराध ने पहले तो घटना को ही संदिग्ध बात दिया। वहीं कोतवाली इंचार्ज ने जब पेंथर व हल्का इंचार्ज से घटना के बाबत जानकारी लिया तब मामला सत्य पाया गया। इसके बाद भी पुलिस केवल प्रार्थना पत्र लेकर कार्यवाही का आश्वासन देकर लोंगो को लौटा दी।

सदर कोतवाली क्षेत्र के बर्थरा व शिवगढ़ मार्ग पर शुक्रवार की रात्रि 10 बजे के करीब मधुबन प्रधान के पुत्र रवि प्रकाश उर्फ बंटी बढवल गांव से अपने मित्र के यहां से घर जा रहे थे। इसी बीच दो मोटरसाइकिल सवार चार युवक उनका रस्ता रोक लिया। बंटी के साथ इन सभी ने गाली गलौज किया। इसके साथ ही ठेकेदारी में हस्तक्षेप करने पर जान से मारने की बात भी कहा।

रात्रि में इस तरह की घटना से हतप्रभ प्रधान प्रतिनिधि सकते में आ गए। उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी डायल 112 पर दिया। डायल 112 की पेंथर मौके पर पहुंचकर पूछ ताछ कर वापस हो ली। इसके साथ ही भुक्तभोगी ने घटना की जानकारी क्षेत्रीय हल्का इंचार्ज राजकुमार तिवारी को भी दिया। लेकिन पुलिस ने गम्भीरता दिखाने की बजाय पीड़ित से शनिवार की देर शाम थाने पर मिलने की बात कही। पीड़ित ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी अपने अन्य साथियों को दिया। जिसके बाद दर्जनों की संख्या में पहुंचे प्रधानों ने कोतवाली पहुंचकर शिकायती पत्र दिया। लेकिन इसके बाद भी गम्भीरता दिखाने की बजाय कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर अपराध दयाराम गौतम ने तो घटना ही सदिग्ध बता दिया। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि इस तरह की घटना के बाद डायल 112 की बजाय सीधे लोग कोतवाली पुलिस को सूचना देते है।
इंस्पेक्टर अपराध के बिगड़ी बोल से प्रधान सकते में आ गए। उधर कोतवाली प्रभारी ने भी घटना से अनभिज्ञता जाहिर किया। जब पीड़ित ने डायल 112 व हल्का इंचार्ज को सूचना देने की बात कहा तब उन्होंने अपने स्तर से उन लोंगो से जानकारी लिया। जिसपर घटना की सूचना होने पर अपने पुलिसिया रोब को ठंडा किये। लेकिन तहरीर पर एफआईआर करने की बजाय कार्यवाई का भरोसा देकर लोंगो को लौटा दिए।
क्या कहते है इंस्पेक्टर: इस सम्बंध में इंस्पेक्टर गगन राज सिंह का कहना है घटना की सूचना उनके पास तक नही आ पाई थी। जबकि सामान्य स्थिति में डायल 112 की सूचना कोतवाली इंचार्ज तक आ जाती है। एस्केनसाथ ही हल्का इंचार्ज के संज्ञान में भी मामला होने के बाद उन्हें नही बताया गया। मामले की जांच की जा रही है।