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अड़ियल स्वभाव के आईपीएस डॉ अनिल राजा के गढ़ में संभालेंगे कानून ब्यवस्था

ट्रांसफर पोस्टिंग में राजनैतिक हस्तक्षेप  नापसन्द

Chandauli news: फलक को ज़िद है जहां,
बिजलियाँ गिराने की, तो हमें भी ज़िद है फिर वहीं,आशियाँ बनाने की। यह चंद लाईनें जिले के कप्तान रहे डॉक्टर अनिल कुमार पर बखूबी बैठती है। dr. Anil kumar Ips की पहचान अड़ियल स्वभाव के अधिकारी के रूप में हुआ। जनपद आगमन के साथ ही अपने इस स्वभाव से चर्चा में बने रहे।

जनपद आगमन के बाद dr anil kumar को shart cute अधिकारी का नाम लोंगो ने दे दिया। इसके पीछे यह कारण रहा कि जनता दर्शन में फरियादियों जैसे ही अपनी पीड़ा problem सुनाते थे। यह भड़क जाते थे। पीड़ितों को शार्ट में समस्या सामने रखने के लिए कहते थे। इसके बाद तो फिर दुबारा बोलेने का मौका नही देते थे।

हालांकि इसके बाद वह मातहतों को समस्या का गुणवत्तापूर्ण निदान करने का दिशा निर्देश देते तो जरूर थे लेकिन समस्या का समाधान कितना हो पाता था यह तो पीड़ित ही बता सकता था। उधर उनके इस स्वभाव से मातहत भी भिज्ञ हो गए थे

राजनैतिक दबाव को ठेंगे पर रखते थे Ips dr anil:

जनपद आगमन के बाद ही का कानून ब्यवस्था को तोड़ने वालों को कड़ा संदेश देने वाले 2016 बैच के  IPSअधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार अपने कार्य में राजनैतिक हस्तक्षेप को ठेंगे पर रखते थे। ट्रांसफर पोस्टिंग में जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप इन्हें रत्ती भर भी पसन्द नही था। जिसका असर रहा कि जिस इंस्पेक्टर, दरोगा या सिपाही के  ट्रांसफर पोस्टिंग लिए विभाग से अलग कोई भी पैरवी किया फिर उसका काम तत्काल तो होने से रहा। इसके अलावा  अपराधी प्रवित्ति के लोंगो पर सख्ती में भी राजनैतिक हस्तक्षेप के बाद कार्यवाही और तेज हो जाती थी। अब प्रतापगढ़ में कानून ब्यवस्था की जिम्मेदारी दी गयी है। यह जिला आज भी राजा भैया का गढ़ माना जाता है। यहाँ के लोग न्याय के लिए प्रशासन के यहां कम राजा भैया के यहां ही गुहार लगाते है। ऐसे में अब डॉक्टर अनिल कुमार अपने स्वभाव में परिवर्तन करते है या फिर …..

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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One Comment

  1. नेचर और सिग्नेचर बमुश्किल बदलते हैं जब तक कि वृद्धावस्था की मुश्किलें हालातों से समझौता करने को विवश न कर दें।अथवा जीवन का अनुभव प्रतिक्रियाओं को सम्हालने की थोड़ी क्षमता विकसित न कर दे। प्रतापगढ़ में ये वही रहेंगे पर स्थान,पूर्व अनुभव इन्हें सामंजस्य बनाने की राह दिखाएगा।लोकतंत्र में राजनीतिक अथवा बाहुबलियों का हस्तक्षेप ईमानदार अधिकारियों के लिए चुनौती भी होता है। व्यक्तित्व में कौशल विकसित करने का अवसर भी।

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