रात्रि 10 से सुबह 10 बजे तक बंद रखेने का निर्देश
मुगलसराय में शराब के साथ साथ माननीय का भी बिक रहा नाम -सूत्र

Chandauli news : बिहार में शराब को बंदी क्या हुआ अब यह जिला शराब के गोरखधंधे में पहचान बना लिया। युवा से लेकर महिलाएं इस धंधे में कूद गयीं है। वही इस गोरखधंधे को रोकने के लिए जिनके कंधे पर जिम्मेदारी है वह भी अलीशान हवेली का सपना संजोये उनके हिस्सेदार हो गए है।

कुछ समय पहले यह जिला बालू तश्करी के लिए जाना जाता था। उस समय ओवरलोड पर पाबंदी थी। बिहार से आने वाली गाड़ियां बार्डर पर प्रवेश करते ही कटने लगती थी। जीएसटी व सेलटैक्स की आज भी फर्जी बिल्टी बन रही है। इसके बाद बिहार में शराब बंदी के कारण अब इसकी तश्करी शुरू हो गयी। बार्डर के थानों के दुकानों से लेकर शहर तक पाँव फैल चुका है।बार्डर के दुकानों से हर दिन बिहार शराब खापाए जा रहे है। इसे रोकने के जिम्मेदार अब अपना हिस्सा ब्यापार के मुताबिक बांध लिए है।
पुलिस अधीक्षक शराब तश्करी पर नकेल के लिए थाना प्रभारियों को दिशा निर्देश दे रहे है। परिवहन के रुप यह सब ट्रेन व बस का सहारा ले रहे है इसपर निगाह रख रहे. जबकि सूत्रों की माने तो बार्डर के थानों से साईकिल व मोटरसाईकिल से बोरे में भर शराब जा रही है। इलिया, शाहबगंज, कंदवा, अलीनगर, मुगलसराय व सकलडीहा में तो दुकानदारों से पुलिस अपना जजिया कर दुगुना कर दी है। एक दो स्थानों पर बकायदे अभियान के तहत पुलिस छापेमारी करने पहुंची तो वहां दुकानदारों ने कड़ा विरोध जताया। उनका कहना है था कि पैसा भी ज्यादा दें और छापा भी मारे यह नहीं चलेगा। अंततः पुलिस बैरंग वापस हो ली।
मुगलसराय कि स्थिति यह है कि कम्पोजिट दुकान में रात्रि 10 से सुबह 10 बजे तक बंद रखेने का निर्देश है। लेकिन यह दुकान पूरी रात खुली रह रही है। यहां शराब के साथ साथ एक माननीय का नाम बिक रहा। पुलिस भी माननीय का योगदान है कि नहीं या फिर बिना सिर पैर कि वाली बात है इसका भी पता लगाना मुनासिब नहीं समझती और ऐसे लोंगो को छूट दे रखी है।