Varanasi: बीएचयू के पुरोधा छात्रों की मदद से बेड पर पड़ा युवक दौड़ा

बीएचयू के पुरोधा छात्रों की मदद से एक साल से बेड पर पड़ाब्यक्ति लगा दौड़ने
Varanasi\ chandauli: बीएचयू के पुरोधा छात्रों द्वारा बनाई गई मातृभूमि सेवा ट्रस्ट ने शुक्रवार को एक साल से बेड पर पड़े एक नौजवान के ऊपर हाथ रखा। जिसका नतीजा हुआ कि वह बीएचयू के कुशल चिकित्सको के सम्पर्क में आ गया। चिकित्सको के जांच में कूल्हे के ट्रांसप्लांट करने की स्थिति बन गयी। बीएचयू के हड्डी विभाग के प्रोफेसर अजीत सिंह के देख रेख में ऑपरेशन हुआ। इसके बाद वह दौड़ने लगा।

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मातृभूमि संस्था बीएचयू के पूर्व छात्रों की बनाई गई संस्था है। जो चन्दौली के जंगलों में सरकारी लाभ से वंचित गरीबों के स्वास्थ्य सुधार पर कार्य करती है। संस्था में वाराणसी आरके नेत्रालय के प्रबंधक व उनकी टीम है। यह लोग नौगढ़ सहित आस पास के गांवों के 35 हजार से ऊपर लोंगो के आंख के ऑपरेशन करा चुके है। संगठन ने पिछले दिन एक कैंसर पीड़िता का इलाज कराया।
कैम्प में प्रशान्त कुमार उम्र 20 वर्ष जिसके दोनों पैर सुख कर लगभग निर्जीव हो चुके थे। वह भी कैम्प में पहुंचा। जिसे बोन टीबी के कारण कुल्हा खराब हो गया था। जिसे चिकित्सको ने ठीक होने की संभावना दिखी । मातृभूमि सेवा ट्रस्ट की पहल ने प्रशांत का ऑपरेशन कराया। प्रो.डा.अजीत सिंह ने कुल्हे का सफल ट्रान्सप्लांट करके और उसकी सारी बिमारियों का ईलाज कर प्रशान्त को नव जीवन प्रदान कर दिया है। ईलाज की व्यवस्था आर.के नेत्रालय के निदेशक डाक्टर आर.के ओझा की पहल पर की गई।
इस दौरान दुर्गा सिंह प्रधान, डा.अमरेश, डा.शहजाद, सुबाष विश्वकर्मा, रिंकू विश्वकर्मा, गब्बर विश्वकर्मा, सुमंत, रामकुमार बाबा, सत्यानंद ने पूरा देखरेख किया। ऑपरेशन सफल होने पर मातृभूमि संस्था के अध्यक्ष संजय सिंह ने आभार प्रकट किया।