चाणक्य नीति से कोर्ट के आदेश का सम्मान और कुर्सी दोनों सुरक्षित

Chandauli news : चहनियां ब्लाक प्रमुख कि कुर्सी अल्पमत सदस्य होने के बाद भी चाणक्य नीति से एक बार फिर से सुरक्षित हो गयीं। जबकि सत्ता से सदस्यों कि अधिक संख्या के साथ उपस्थित विपक्ष अल्पमत में हो गया। जिसके कारण मतदान कराने कि स्थिति नहीं बनी।

चहनियां ब्लाक प्रमुख के कार्यशैली से बीडीसी सदस्यों में असंतोष है। यह असंतोष इस कदर है कि प्रमुख कि कुर्सी पर बैठे अरुण जायसवाल के खिलाफ सदस्य एकजुट हो कर इन्हे पदच्यूत करने पर आमादा हो गए। इसके लिए पहल भी शुरू हो गया। लगातार तीन बार यह प्रक्रिया हुआ। लेकिन अल्पमत के बाद भी राजनैतिक चाणक्य कि कुशल कूटनीति ने तीसरी बार के अविश्वास में भी कुर्सी सुरक्षित रही। पिछले 2 बार अविश्वास पर नियमावली के तहत असफल असंतोषजनक सदस्यों ने जिलाप्रशासन पर आरोप लगाते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। न्यायालय ने जिला प्रशासन को अविश्वास पर चर्चा व चुनाव कराने का निर्देश दिया था। जिसके क्रम में बुधवार को ब्लाक प्रमुख कि कुर्सी के लिए अविश्वास के लिए बैठक व मतदान कि ब्यवस्था कि गयीं थी।
105 क्षेत्र पंचायत सदस्यों में शाम 04 बजे तक 58 सदस्य ही उपस्थित हो पाए। जबकि कुछ ऐसे भी सदस्य रहे जिनके पास प्रमाणपत्र ही नहीं था। सदस्यों का आरोप था कि उनका प्रमाणपत्र ब्लाक प्रमुख पिछले एक वर्ष से अपने पास रखें हुए है। लेकिन मांगने पर दे नहीं रहे है। सदस्यों के आरोप के बाद भी निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया कराने का दावा करने वाला प्रशासन मुकदर्शक बन केवल भारी मात्रा में सुरक्षा ब्यवस्था का इंतजाम कर सदस्यों को खोखा आश्वासन देता रहा। अविश्वास पर चर्चा कराने के लिए नियुक्त मजिस्ट्रेट निर्धारित अवधि तक इंतजार करते रहे। लेकिन 57 सदस्य ही उपस्थित हो सके थे। विपक्ष का कहना है कि कोर्ट ने आधे से अधिक सदस्यों कि उपस्थिति होने पर अविश्वास पर मतदान कराने का निर्देश दिया है।