क्राइममिर्जापुर

प्रेमिका के घर पहुंचा आशिक, ताला बंद देख लगा लिया आग

सीओ सहित कई थाने की फोर्स पहुंच बचाई जान

चुनार। चन्दौली का आशिक अपने प्रमिका से मिलने चांदपुर पहुंचा। घर मे ताला बंद देख आग बबूला हो गया। पहले उसने बन्द घर का ताला तोड़ा उसके बाद प्रेमिका के घरवालों को फोन कर उसे भेजेने की जिद करने लगा। परिजनों ने इसकी जानकारी अदलहाट थाने पर दिया। मौके पर पुलिस से भी लड़की को बुलाने की जिद करने लगा। पुलिस ने पूरी रात उसके फिल्मी ड्रामे को झेलते हुए सुबह उसके प्रेमिका को बुलाई।

बबुरी थाना के भवतपुरा गांव का आशिक पिछले छह वर्ष से अदलहाट थाना के भाईपुर (चांदपुर) एक लड़की से मुहब्बत कर रहा है। उसके उपर लाखों रुपया खर्च भी कर चुका है। लड़की की शादी दुसरे के साथ तय हो गयी है। मंगलवार को लड़की से मिलने कब लिए उसने फोन किया। लेकिन लड़की अपने परिजनों के साथ वाराणसी जाने की बात बताई। नाराज प्रेमी लड़की को धमकी देते हुए कहा कि वह नही मिली तो उसके घर पर ही वह आग लगा लेगा। यह बात लड़की ने अपने परिजन को बता दिया। लड़की के घर वाले उसे लेकर वाराणसी चले गए।

आशिक के आगलगी पर पानी डालती पुलिस

प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो आशिक अपने साथ सिलेंडर गैस लेकर उसके घर पहुंचा। जहाँ ताला बंद देखकर आग बबूला हो गया। सबसे पहले उसने घर का ताला तोड़ दूसरी मंजिल पर चढ़ गया। इसकी जानकारी उसने अपने प्रेमिका को दिया। मामला बढ़ता देख लड़की के परिजन अदलहाट थाना को इसकी जानकारी दिया। इसके बाद सीओ चुनार, एसडीएम सहित तमाम लोग पहुंच गये। लड़के को समझाने लगे। लेकिन वह लड़की को बुलाने की जिद पर अड़ा रहा। पुलिस उसके फिल्मी अंदाज वाली नाटक को रात भर झेली। लड़की को बुलाकर पुलिस बातचीत करने की कोशिश कर रही थी। तब तक इसने लडक़ी को उपर भेजने की जिद करने लगा। पुलिस के मना करने पर इसने आग लगा ली।

आगलगी से पुलिस के हाथ पांव फूल गए। पुलिस के लोग तत्परता दिखाते हुए आग पर काबू पाया। इस सम्बंध में सीओ चुनार रामानन्द राय ने कहा कि युवक के खिलाफ विधिक कार्यवाही की जा रही है।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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