आधा दर्जन प्रभारी चरण वंदना के विशेष कृपा से चला रहे थाना

Chandauli news: एक दौर था ज़ब तीन स्टार मतलब इंस्पेक्टर एक्का दुक्का दिखते थे। अधिकांश थाना एसओ ही चलाते थे। लेकिन दौर इस कदर बदला कि अब थानों से लेकर छोटे छोटे सेल में भी यह तीन स्टार वाले पोस्ट है। इसके बाद भी लाईन में इतने इंस्पेक्टर टहल रहे जैसे इंस्पेक्टरों का जिला यार्ड बना गया है। भारी भरकम मात्रा में इंस्पेक्टर का आमद है। उसमें भी कुछ ऐसे है जिन्हे अपराध रोकने का महारथ हासिल है। लेकिन अब तक उन्हें थानों का कमान नहीं मिला है।

चकरघट्टा एसओ का वाराणसी पोस्टिंग के दौरान एक जांच खुली थी। जिसकी जांच आख्या में वह दोषी पाये गये। दस दिन पहले ही आरक्षण के समीकरण को फिर बैठाने के लिए बबुरी से चकरघट्टा गये अवधेश कुमार को हटाना पड़ गया। मुहरर्म जैसे संवेदनशील त्यौहार भी बिना प्रभारी के चौकी इंचार्ज ने प्रभार में शांति पूर्ण बिता दिया। सूत्रों कि माने तो पुलिस अधीक्षक के मानक पर अधिकांश खरा नहीं उतर पा रहे है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है। धानापुर एसओ रैंक के थाने पर दो दो इंस्पेक्टर पोस्ट किये गये है। बावजूद चोरी कि घटनाएं में इजाफा हुआ है। सूत्रों कि माने तो प्रभारी जब से गये है वह अपने वतानुकूलित कक्ष से बाहर पैदल गस्त आदि में दिलचस्पी दिखाना मुनासिब नहीं समझे। चकिया कोतवाली पर एसओ कि पोस्टिंग है। सदर, मुगलसराय कोतवाली में तीन तीन इंस्पेक्टर पोस्ट है। बलुआ थाने पर दो इन्सपेक्टर पोस्ट है। हालंकि वहाँ से एक इंस्पेक्टर अपना अटैचमेंट डीआईजी के यहां करा लिए। एसपी के मानक पर खरा न उतरने का कारण है कि आये दिन फरियादियो कि फ़ौज एसपी कार्यालय पर उपस्थित रहती है।

क्या कहते है अधिकारी: इस संबंध में पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे का कहना है कि हर किसी के साथ कुछ न कुछ तकनीकी अडचन है। संख्या बल पर्याप्त है लेकिन एसओ के मानक पर खरा नहीं है। जल्द ही चकरघट्टा में प्रभारी तैनात किया जाएंगे।