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जनप्रतिनिधियों की बदजुबानी से दिशा की बैठक में हंगामा एक दूसरे पर अमर्यादित भाषा का बौछार, बैठक छोड़ बाहर हुए सत्ता दल के नेता


Chandauli news : शनिवार को दिशा की बैठक में जिले के विकास की बात करने की बजाय माननीयों ने पूरी ऊर्जा तुम तडाम पर खर्च कर दिया। आपस से एस कदर लड़ बैठे जैसे हर किसी ने एक दूसरे का मेड़ जोत लिया। स्थिति यह हो गयीं की पूरी बैठक हंगामा भरा हो गया। आपस में खददर धारियों कों लड़ता देख भ्रस्टाचार के आंकठ में डूबे अधिकारियों की मौज हो गयी। बात इसकदर बढ़ी की सत्ता दल के जनप्रतिनिधियों ने बैठक का वहिष्कार कर वापस हो लिए।


शनिवार को दिशा की बैठक सांसद की अध्यक्षता में होनी थी। 11 बजे से बैठक की सूचना थी लेकिन माननीय लोग निर्धारित समय से नहीं पहुंचे जिसके कारण यह कुछ बिलम्ब से शुरू हुआ। इसके बाद बैठक शुरू हुआ। पहले बैठक की रुपरेखा जिलाधिकारी के द्वारा सभी उपस्थित सदस्यों कों बताया गया। इसके बाद विकास के मुद्दों को लेकर क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराने के लिए माननीय जनप्रतिनिधियों कों मौका दिया गया। इसी  बीच रावर्ट्सगंज सांसद ने पिछले दिनों पी डब्लूड़ी में टेंडर फार्म के वितरण में अनियमितता का मुद्दा उठाते हुए एक जनप्रतिनिधि के इशारे पर फर्म के वितरण का आरोप लगाया। सांसद के इस आरोप का विधायक ने विरोध किया। एस पर सकलडीहा विधायक ने कहा की इसकी जांच होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने नवागत सीडीओ के चार्ज लेने के उपरांत जांच कराने का भरोसा दिया।  लेकिन सांसद लगातार उस मुद्दे पर जिद पकड़े थे। इस पर एक जनप्रतिनिधि ने कहा की जांच कराने की बात अधिकारी कर रहे है। इसपर विपक्ष हमलावर हो गया।

अधिकारियों के बचाव का आरोप लगाने लगा। इस बात कों लेकर तीखी बहस शुरू हो गयी। मामला कुछ शांत हुआ इसके साथ ही कुछ प्रमुख समस्या उठाना शुरू किये जो अपने विकास खंड की बजाय जिले के अन्य विकास खंड का रहा। इसपर मुगलसराय विधायक ने कहा की अपने क्षेत्र की समस्या से अवगत कराएं तो ज्यादा अच्छा रहेगा। इसपर अध्यक्षता कर रहे सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा की यह गलत है। जनप्रतिनिधियों का सर्किल बंधा नहीं होना चाहिए। उनके बात का सकलडीहा विधायक ने सपोट करते हुए यह कह दिया की सब भ्रस्ट है। इसपर धानापुर प्रमुख ने आपत्ति दर्ज करते हुए की बिना जांच रिपोर्ट के किसी की भ्रस्ट नहीं कह सकते। मुगलसराय विधायक ने कहा की बिल्कुल ऐसे सभी को भ्रस्ट नहीं कह सकते। अभी बात विवाद हो ही रहा था तब तक सकलडीहा विधायक ने किसी को तुम कहकर सम्बोधित करते हुए कहा की तुम बैठ जाओ। इसके बाद तो पुरी बैठक हंगामे का रूप ले लिया। सदन में विधायक सकलडीहा से बात वापस लेने की मांग उठने लगी।

इसपर बचाव का मोर्चा संभालने की कमान सभालने के लिए सांसद वीरेंद्र सिंह माइक संभालते हुए कहा की विधायक मुगलसराय ने जनप्रतिनिधियों के सिमित क्षेत्र करने की शुरुआत की है पहले वह अपनी बात वापस करें। इस पर विधायक कुछ प्रतिक्रिया देते तब तक सांसद की जुबान भी देहाती अंदाज पकड़ ली। उन्होंने विधायक से कहा “सुन यार ” यह शब्द सुनते ही विधायक के तेवर सातवें आसमान पर चढ़ गया। उन्होंने सांसद से कहा की आप भी मर्यादा में रहिये। बात माफ़ी मांगने तक पहुंच गयी। दोनों पक्ष इसकदर दूसरे पर हमलावर था जैसे कभी भी लाठी डंडे चलने की नौबत आ सकती थी। जिलाधिकरी ने बचाव करने की कोशिश किया इसपर मुगलसराय विधायक ने उन्हें भी डांट दिया। ममला एस कदर बिगड़ा की सत्ता दल के सभी जनप्रतिनिधि बैठक छोड़ वापस हो लिए। खादीधारीयों के आपसी मनमुटाव में पीछे बैठे भ्रस्टाचार के आकंठ में डूबे कुछ मौज काट रहे थे।


मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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