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एक्सीडेंट होने पर ईलाज के लिए जा रहे जिलाचिकित्सालय तो साथ में लेकर जाएं टिटबैग

जिलाअस्पताल कम, मेडिकल कालेज हो गया इसलिए नही है टिटबैग- सीएमएस

Chandauli news: एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने का दावा कर रही तो दूसरी तरफ सरकार के दावे की जड़ में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी मठ्ठा डाला रहे है। कुछ ऐसी स्थिति इस समय जिलाचिकित्सालय की हो गयी है। जहां बड़े बड़े वैक्सीन व महंगी दवा की उपलब्धता की बात तो दूर प्राथमिक उपचार में लगने वाली टिटबैग(टिटनेस) उपलब्ध नही है। जबकिं इसके उपलब्धता पर यहां के जिम्मेदार सीएमएस डॉ उर्मिला सिंह का कहना है कि जिलाचिकित्सालय कम यह मेडिकल कालेज हो गया है। इसलिए दवाओं की कमी है।

वक्तब्य: जिलाचिकित्सालय में बाहर से टिटबैग खरीद कर लाया पीड़ित का परिजन

मंगलवार की शाम में चहनियां क्षेत्र से दो- दो सड़क दुर्घटना के मरीज एक साथ चहनियां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर होकर आए। जिसमें सुरतापुर गाँव के छोटू यादव (32) की आमने सामने मोटरसाइकिल से टक्कर होने पर दाहिना पैर टूट गया। खून से लतपथ चहनियां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, वहीं बैंक बलुआ थाने से मारूफपुर बैंक ड्यूटी में गए हेडकांस्टेबल दिलीप कुमार व बृजेश मौर्या एक संदिग्ध मोटरसाइकिल सवार को देखकर उसका पीछा करने लगे। संदिग्ध पुलिस कर्मियों द्वारा पीछा होते देख इस सभी को साइड से टक्कर मार दिया। जिससे दोनों गिर कर चोटिल दोनों प्राथमिक उपचार के लिये लोग भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चहनियां गए। जहां ईलाज के नाम पर लापरवाही का अंबार यह रहा कि मरीजों को मलहम पट्टी के नाम पर बेटाडीन लगाकर जिलाचिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया।

फोटो: घायल पुलिस कर्मी जिलाचिकित्सालय में

यहां का आलम तो साहब भगवान भरोसे ही है। आकस्मिक वार्ड में तत्काल स्वास्थ्य केंद्र से बंधे पट्टी को खोलकर चोटिल घाव को धो कर पुनः ड्रेसिंग शुरू हो गया। छोटू के पैर से निकलरहा खून बन्द नही हो रहा था इसपर टांका भी लगा दिया। इसके बाद जब इंजेक्शन लगाने की जरूरत हुआ तो चिकित्सक ने परिजनों को स्लिप पकड़ाते हुए टिटबैग व कुछ दवा बाहर से लाने के लिए कहा।

जिलाचिकित्सालय में टिटबैग न होना आश्चर्य जनक लगा। लेकिन पिछले एक सप्ताह से बिना टिटबैग के अस्पताल का संचालन हो रहा है। ऐसी जानकारी अस्पताल कर्मियों ने बताया।

क्या कहती है सीएमएस:

जिलाचिकित्सालय की सीएमएस डॉ उर्मिला सिंह से जब पूछा गया तो सबसे पहले उन्होंने जिलाचिकित्सालय होने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए दो टूक कहीं की यह अस्पताल मेडिकल कालेज हो गया है। वही दवा की उपलब्धता पर कहा कि कुछ तकनीकी समस्या है इसके कारण दवाओं की खरीद नही हो पायी है। जल्द ही दवा खरीद ली जाएगी।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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