18 दिन बाद भी पहेली सुलझाने में लगे 18 पुलिस कर्मियों के हाथ खाली
पांच थाना प्रभारी, 03. 03 सीसीटीवी के एक्सपर्ट लगे फिर भी नहीं लग रहा सुराग

Chandauli news : दवा ब्यवसाई रोहिताश पाल कि हत्या हुए 18 दिन हो गए। 24 से 48 घंटा मे आरोपियों को पकड़ने का आश्वासन देकर ब्यापारियों का आंदोलन समाप्त कराने पुलिस के हाथ अब भी खाली है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के पास अब कोई ठोस जवाब नहीं रह गया हैं। यह बात अलग है कि इस घटना के खुलासा में पुलिस अधीक्षक ने पांच पांच थाने के एसओ व एसएचओ के अलावा आधार दर्जन सीसीटीवी के जानकार दरोगा लगाए गए हैं। यही नहीं वर्तमान व निवर्तमान थाना प्रभारियों को भी जिम्मेदारी दि गयी हैं। यह बात अलग हैं कि कुछ घटना के शुटरों तक पहुंने के लिए गौतस्करों का सत्यापन कर रहे हैं।
धानापुर के चर्चित मुट्टन हत्या के बाद मुगलसराय में दवा ब्यवसाई का हत्या पुलिस ले लिए एक चैलेंज बन गया। धानापुर व मुगलसराय दोनों जगहों पर आंदोलन तेज हो गया। जिसके कारण इन दोनों स्थानों पर पुलिस के अतिरिक्त बल लगानी पड़ी थी। यही नहीं धानापुर में आंदोलन कारियों के आगे पुलिस घुटने के बल आ गयी। स्थिति यह हो गयी कि जो – जो मांग आंदोलनकारी मांगते गए प्रशासन उस समय स्वीकार करती गयी। जिसका असर हुआ उस समय के प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया। मुगलसराय में ब्यापारी कि हत्या प्रदेश ब्यापी रूप ले लिया। पक्ष विपक्ष सभी रोहिताश पाल के हत्यारों को गिरफ्तारी के लिए अलग अलग दबाव बनाना शुरू कर दिए। धानापुर में नामजद हत्या कि रिपोर्ट लिखे जाने के बाद भी आज तक एक शूटर पुलिस के पकड़ से दूर हैं। जबकि मुगलसराय में अज्ञात के खिलाफ शिकायत दर्ज हुआ। जिसमें हत्या के तार की कड़ी को पुलिस ने जमीनी विवाद से जोड़ साजिश रचने के आरोप में तीन को जेल भेज चुकी हैं। लेकिन शूटर की पहचान पुलिस नहीं कर पायी। अब शूटर की पहचान के लिए जिले में अपराध पर काम करने का दम्भ भरने वाले एक दो नहीं बल्कि पांच पांच थाना प्रभारी लगाए गए हैं। इसके साथ ही सीसीटीवी फुटेज के मर्मज्ञ तीन तीन दरोगा लगे हुए हैं। सर्विलांस क्राइम ब्रांच इनको तो हर मामले में कूदा दिया जाता हैं। लेकिन इस बार इनके साथ एसटीएफ की टीम भी अपना रात की नींद खराब कर पड़ोसी जिले के हत्या की गुत्थी को सुलझाने में लगी है।
यही नहीं मुगलसराय में व अलीनगर में तैनात निर्वर्तमान व पूर्व के थाना प्रभारियों से भी सहयोग लिया जा रहा। यही नहीं कुछ दरोगा तो अपराधियों के समीक्षा के नाम पर शिकायतन जिन्हे जंगल का भेजा गया है उन लोंगो को भी अस्थायी रूप से संबद्ध करा लिए है। सूत्रों की माने तो कुछ जाँचकर्ता को शूटर के तलाश में गौ तस्करों का डोजियर भर रहे हैं।