बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने गये सीडीओ ने खुली आँख से देखा चकिया के ददरा व उतरौत में नहीं पहुंचा विकास का वाहन
खपरैल के घर में जीवन बसर कर रहे बनाँचल वासी

Chnadauli news: केंद्र व प्रदेश सरकार आवास शौचालय के नम पर करोड़ो, अरबों रुपया जिले को भेजी होगी। लेकिन विकास का यह रथ चकिया बनाँचल क्षेत्र की पहाड़ी पर चढ़ नहीं सका। जिसके कारण आज भी उतरौत, ददरा जैसे आशा दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीण खपरैल व मिट्टी के घरों में रहा रहे है। हर बार उनका फार्म आवास के लिए भरा जाता है लेकिन उन सभी के पास आवास के नाम पर घूस देने के लिए पैसा नहीं है जिसके कारण आवास बिहीन है। उनके उस मिट्टी के घर को भी प्रकृति ने छीन लिया। जिसका निरिक्षण करने सोमवार को मुख्य विकास अधिकारी ने अपने खुली आँखों से देख चकित हो उठे।

मुख्य विकास अधिकारी राल्लपल्ली जगत साँई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करने गये थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने देखा की ददरा में मिट्टी के घर में लोग रहा रहे थे। जो बरसात में गिर गया। खुले आसमान के नीचे लोग आ गये। इस पर संबंधित अधिकारियों से कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगों की देख भाल उनके खाने पीने एवं अन्य जरूरत की चीजों के साथ दवाएं सहित अन्य व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की कमियां नहीं आनी चाहिए।

पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखा जाय तथा उनके भूसा चारा पानी की उत्तम व्यवस्था रखी जाय। बाढ़ से गिरे कच्चे मकानों के स्वामियों चिन्हित कर मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नियमानुसार लाभ दिये जाने की प्रक्रिया को तेजी से पूर्ण कर आवास दिया जाय।