प्रधान जी ज़ब तक झंडा फहराने न आये तब करिये इंतजार, नहीं तो हो जायेंगे सस्पेंड, बहाल होने के लिए देना होगा फिक्स रेट
बीएसए ने एक अपने सरकारी अध्यापक को इस आरोप किया निलंबित
15 अगस्त को 8 बजे प्रधान के न पहुंचने पर प्रधानाध्यापक ने फहरा दिया था झंडा

Chandauli news : अंधेर नगरी, चौपट राजा टका शेर भाजी टाका सेर खाजा… यह कहावत प्राथमिक विद्यालय में पहले हिंदी का एक अध्याय होता था। इस कहानी को बच्चे बड़े चाव से पढ़ते थे। हलांकि समय के साथ सलेबस में परिवर्तन हुआ लेकिन पहले के मुहावरों का आज भी प्रचालन है। यह बात बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यवाही पर सटीक बैठ रहा है।
मामला चकिया विकास खंड का है। जहाँ 15 अगस्त के दिन एक विद्यालय में प्रधान को झंडा फहराने के लिए आमंत्रित किया गया। दारु मुर्गा बांट कर प्रधानी जीतने वाले प्रधान जी को झंडे का प्रोटोकाल भी उस स्तर का लगा। ज़ब पहुंचेंगे तब फहराएँगे। लेकिन सरकारी व्यवस्था से बंधा ब्यक्ति जो देश कि भावी भविष्य का नींव रखता है उसे तो तिरंगे का महत्व पता था। प्रधान के लेट लतिफी पर खुद प्रोटोकाल के हिसाब से झंडोत्तोलन कर दिया। बच्चे अपने क्षमता के अनुसार सांस्कृतिक कार्यक्रम कर रहे थे। सूत्रों कि माने तो प्रधान जी भी लाव लशकर के साथ पहुंच गये। उधर झंडा फहरता देख प्रधान प्रधानाध्यापक से उलझ गये। सरकारी अध्यापक भी अपना नफा नुकसान देखते हुए लहजे में बात कर रहा था। लेकिन यहां तो प्रधान जी को गांव के कोटेदार व सफाई कर्मी से बदतमीजी कि आदत हेडमास्टर से भी कर गये। स्थति यह हुयी कि मारपीट तक कि नौबत आ गयी। थाने में प्रधान के तरफ से लोग एकजुट हो गये। उधर शिक्षक एकता का नारा देने वाले मौके पर जुटे नहीं. दवाव में एफआईआर भी हो गया। इसके बाद जिलाधिकारी व बीएसए के यहां प्रधान संघ दबाव बनाने लगा। बीएसए पर दबाव भारी पड़ा। अब प्रधानाध्यापक निलंबित हो गये। सूत्रों का कहना है कि अब निलंबन के लिए प्रधानाध्यापक को ठीक ठाक चढ़ावा चढ़ाना होगा।