12 अप्रैल को करणी सेना ने 3 लाख सदस्यों को जुटाने का रखा है लक्ष्य
रैली कि तैयारी मे पुलिस ने मंगाया नया लाठी व हेलमेट

Chandauli news : आगरा मे 12 अप्रैल को राणा सांगा कि जयंती मनाई जाएगी। इसमें करणी सेना ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राजपूतों को आगरा में पहुंचने का आह्वान किया है। इन लोंगो ने हर सदस्य को एक लाठी व झंडा लेकर आने के लिए कहा है।
सुरक्षा ब्यवस्था का ब्यापाक इंतजाम किया गया है। कार्यक्रम स्थल को अभेद किला कि तरह बैरिकेटिंग कि जा रही है। सूत्रों की माने तो पुलिस ने 1000 लाठी व 1200 नया हेलमेट हाल फिलहाल में ख़रीदा है।
क्या है महाराणा सांगा का इतिहास:
महाराणा संग्राम सिंह, सोलहवीं शताब्दी में शासन करने वाले एक प्रसिद्ध राजपूत राजा थे, जिन्हें राणा सांगा के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने शानदार नेतृत्व और अटूट साहस के साथ 20 वर्षों तक शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य मेवाड़ पर शासन किया। 12 अप्रैल, 1482 को राणा सांगा का जन्म मेवाड़ के शासक परिवार में हुआ था महाराणा सांगा ने राजपूत राज्यो को संगठित किया और सभी राजपूत राज्य को एक छत्र के नीचे लाएं थे। राजपूत राज्यो से संधी की और अपना साम्राज्य उत्तर में पंजाब सतलज नदी से लेकर दक्षिण में मालवा को जीतकर नर्मदा नदी तक कर दिया। पश्चिम में सिंधु नदी से लेकर पूर्व में बयाना भरतपुर ग्वालियर तक अपना राज्य विस्तार किया। मुस्लिम सुल्तानों की डेढ़ सौ वर्ष की सत्ता के पश्चात इतने बड़े क्षेत्रफल में हिंदू साम्राज्य कायम हुआ था। इतने बड़े क्षेत्र वाला हिंदू सम्राज्य दक्षिण में विजयनगर सम्राज्य ही था। दिल्ली सुल्तान इब्राहिम लोदी को खातौली व बाड़ी के युद्ध में 2 बार परास्त किया और और गुजरात के सुल्तान को हराया व मेवाड़ की तरफ बढ़ने से रोक दिया। बाबर को खानवा के युद्ध में पूरी तरह से राणा ने परास्त किया और बाबर से बयाना का दुर्ग जीत लिया। इस प्रकार राणा सांगा ने भारतीय इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ दी। 16वी शताब्दी के सबसे शक्तिशाली शासक थे इनके शरीर पर 80 घाव थे। इनको हिंदुपत की उपाधि दी गयी थी। इतिहास में इनकी गिनती महानायक तथा वीर के रूप में की जाती हैं।