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कहीं भ्रस्ट अधिकारियों की पैरवी तो नही ले डूबी केंद्रीय मंत्री की नैया !

अधिकारियों के मलाईदार जगह पर  जाते ही जनता का होने लगा शोषण

Chandauli news: भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय के की चुनावी नैया मजधार में फंसाने में कही न कही भ्रस्ट अधिकारियों की पैरवी भी बहुत बड़ा कारण बनकर उभरी है। कारण की ऐसे भ्रस्ट अधिकारी मलाईदार जगह पर जाने के बाद जनता का जमकर शोषण किये। जिससे जनता में आक्रोश उभर गया।

जनपद के एक ऐसे अधिकारी जिनके कंधे पर विकास की जिम्मेदारी थी। उस अधिकारी के कारनामें की चर्चा शासन में पहुंच गई। फाइलों के सन्तुति की रिपोर्ट लगाने के लिए जहां फिक्स रेट निर्धारित है। इसकी जानकारी के बाद  एक झटके में शासन यहां से उस अधिकारी का स्थानांतरण कर यहां एक आईएस अधिकारी को भेज दिया गया। विभगीय सूत्रों की माने तो उंक्त अधिकारी की विभागीय विदाई भी हो गयी थी। लेकिन इस अधिकारी ने अपनी ताकत झोंक दी। विभागीय लोंगो का कहना है कि देर रात्रि में रिलीव न करने के लिए फोन आया। जबकि जिस अधिकारी का यहां स्थानांतरण हुआ उन्हें किसी और जिले का सीडीओ बना दिया गया।

इसके साथ ही सकलडीहा तहसील के तत्कालीन तहसीलदार वंदना मिश्रा के भ्रस्टाचार का खुलासा होने के बाद अधिवक्ताओं ने तहसीलदार के ट्रांसफर का मांग करने लगे। एक माह से अधिक का समय अधिवक्ताओं ने आंदोलन में ब्यतीत कर दिया। न्यायिक कार्य से विरत हो गए। जिसके कारण अपने जमीनी विवाद में न्यायालय आने वालों को हर रोज वापस होना पड़ता था। पूर्ववर्ती अधिकारियों ने अधिवक्ताओं से उच्चस्तरीय दबाव का बहाना बनाकर अपना पल्ला झाड़ लिए। जिसके बाद  उंक्त तहसील ने भ्रस्टाचार का एक नया आयाम लिख दिया। लगातार हर कार्य का फिक्स रेट निर्धारित हो गया। जिसके कारण आम जनता परेशान हो गयी। जनता में आक्रोश फैल गया जो निरंतर बढ़ता गया। अन्ततः तहसील बदलकर चकियां भेजा गया।

इसके साथ ही जनपद के सबसे हॉट तहसील कहे जाने डीडीयू नगर में  भी ऐसी स्थिति आ गयी। जहां तहसीलदार के पद रहते हुए अधिकारी ने जमकर शोषण किया। फिर पदोन्नती होने पर एसडीएम के चार्ज के लिए पूरी ताकत झोंकी गयी। सूत्रों की माने तो जैसे ही यह सीट इस भ्रस्ट अधिकारी को मिली यह दिल्ली तक धन्यवाद देने के लिए पहुंच गए। वहां से यशस्वी होने का आशीर्वाद मिलते ही इस अधिकारी ने अपने भ्रस्टाचार के दुकान को दुगुने रफ्तार से गति दिए।  स्थिति यह हो गयी कि उच्चतम न्यायालय के गाइडलाइन को दरकिनार कर दिया गया।  तालाब के जमीन को भूमिधरी घोषित कर पैसों का पहाड़ बनाया गया। चंद दिनों के लिए कागज पर कब्जाधारियों को मालिकान बना दिया गया। इसके बाद पुनः उंक्त आदेश पर संशोधन आदेश का हवला देते हुए तालाब घोषित कर दिया गया। ऐसे में जनाक्रोश ने मुग़लसराय विधानसभा जो भाजपा का गढ़ माना जाता है उस विधानसभा में लगभग 13000 वोट से पीछे हो गयी। जबकि 2019 के चुनाव में यही विधानसभा सकलडीहा व सैयदराजा के अंतर को कम करने में मददगार बनी थी।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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