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एसपी के आदेश को ठेंगे पर रखते है इंस्पेक्टर सकलडीहा

इंस्पेक्टर का विवादित बोल, प्रभारी बने रहने का नहीं है शौक, पैरवी कर बदलवा दें थाना



Chandauli news : शालीन स्वाभाव के पुलिस अधीक्षक के कुछ मातहत उनके सौम्य स्वभाव से बेअंदाज हो गए है। इसके पीछे कारण यह है कि पूर्ववती कप्तानों ने ऐसे लोंगो को हर एक दो नहीं बाद बेअंदाज न होने पाएं इसके लिए थाना से लाईन तक का सफर कराते रहे है. लेकिन वर्तमान पुलिस अधीक्षक लगभग एक वर्ष के अपने कार्यकाल में एक दो थानों को छोड़कर अब तक प्रभारियों का तबादला करने पर बहुत विश्वास नहीं किये।


उनके इस अंदाज को थाना व चौकी प्रभारी अपनी काबिलियत समझ बैठे है स्थिति यह हो गयी कि अपराध पर लगाम लगाने कि बजाय अब यह अपनी झोली भरने में पूरी ऊर्जा खर्च कर रहे है। कुछ तो इस कदर बेअंदाज हो गए है कि वह तो अपने आप को ही कप्तान समझ बैठे है।
कुछ ऐसे बेअंदाज थाना प्रभारी में सकलडीहा का नाम भी प्रमुखता सूची में है। सूत्रों कि माने तो सकलडीहा में खुलेआम गांजा व शराब कि अवैध बिक्री हो रही है। यहां रोक इस लिए नहीं लग पा रहा कि साहब अन्य पिछले प्रभारियों का रिकार्ड तोड़ दिए है। पीड़ितों के थाने पर जाने के बाद उनके प्रार्थना पत्र को रद्दी के टोकरी में डाल दिया जाता है। जिसका परिणाम है कि पीड़ितों को जिला मुख्यालय तक का सफर तय करना पड़ता है। पुलिस अधीक्षक के यहां जाने के बाद वहाँ भी एक दो ऐसे कर्मचारी है जो पुलिस अधीक्षक से भी ज्यादा तेवर दिखाते है। एक बार के बाद दुबारा पहुंच गए तो मानो कोई गुनाह कर बैठे उनके साथ उसी अंदाज में ब्यवहार करते है।
केस 1. सकलडीहा कस्बा के एक ब्यापारी अपने पट्टीदार के आतंक से तंग आकर पुलिस अधीक्षक के यहां गुहार लगाया कि उसके पट्टीदार कीचड युक्त नबदान का पानी पूरे सड़क पर जानबूझ कर बहा रहा है। इस पर एसपी ने इंस्पेक्टर को प्रार्थना पत्र का जाँच कर कार्यवाही करने का निर्देश दिया. लेकिन एक सप्ताह बाद भी इंस्पेक्टर मौके पर नहीं पहुंचे। इसके पीछे का करण यह है जिसके खिलाफ प्रार्थना पत्र पड़ा है वह साहब के बोतल वाली बिसलरी पानी कि ब्यवस्था के साथ साथ समय समय पर धुप से बचने के लिए गमछा तौलिया देता रहता है। पीड़ित ने बताया कि बुधवार को पुनः पट्टीदार द्वारा इस तरह कि हरकत करने पर डायल 112 को फोन किया मौके पर संयोग वस इंस्पेक्टर भी उसी रास्ते से जा रहे थे। लेकिन हस्यास्पद रहा कि उलटे पीड़ित को ही धमकाने लगे।
केस 2- दिघवत गांव के रवि राजभर अपने बहन के साथ शादी में मोटरसाईकिल से जा रहे थे। रास्ते में पास देने को लेकर स्कार्पियो सवार से जमकर मारपीट किया। ज़ब पीड़ित थाने पहुंचा तो उसे ही दोषी बता दिया गया। इसके बाद पीड़ितों ने थाने के सामने धरना शुरू कर दिया. इस पर प्रभारी इंस्पेक्टर ने विवादित बयान देते हुए कहा कि बहुत पहुंच वाले हो तो ट्रांसफर करा दो।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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